उदयपुर। मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने यूजीसी के नियमों को मंजूरी देते हुए कहा है कि अब अगर पीएचडी में कोई कंटेंट चोरी किया हुआ पाया गया तो शोधार्थी का पंजीकरण रद्द हो सकता है। ऐसा होने पर इसका खमियाजा उसके सुपरवाइजर को भी भुगतना होगा।
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आपको बता दें कि मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने रिसर्च पेपर में प्लेजरिज्म यानी साहित्यिक चोरी के खिलाफ यूजीसी के नियमों को मंजूरी दे दी है। इसके तहत प्लेजरिज्म का दोषी पाए जाने पर कार्रवाई का प्रावधान है। अब किसी भी यूनिवर्सिटी के शोधार्थी की पीएचडी में कंटेंट चुराया हुआ मिला तो उसके पंजीकरण को रद्द कर दिया जाएगा और उसके सुपरवाइजर पर भी कार्रवाई की जाएगी। ऐसा होने पर संबंधित शिक्षक की नौकरी भी जा सकती है।
मंत्रालय ने यूजीसी के उच्चतर शिक्षा संस्थानों में अकादमिक सत्यनिष्ठा और साहित्य चोरी की रोकथाम को प्रोत्साहन, विनियम 2018 को इसी हफ्ते अधिसूचित किया था। इससे पूर्व बैठक में नियमन को मंजूरी देते हुए प्लेगेरिज्म पर सजा का प्रावधान किया था, हालांकि गत वर्ष सितंबर में यूजीसी ने नियमन जारी करते हुए पीएचडी में काॅपी को रोकने के लिए शुरुआत की थी।
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