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उदयपुर। भारत की अग्रणी जिंक उत्पादक कंपनी हिन्दुस्तान जिंक लिमिटेड (HZL) ने देश के खनिज क्षेत्र में एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है। कंपनी को राजस्थान के हनुमानगढ़ में भारत का पहला पोटाश और हैलाइट ब्लॉक, और उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले में रेयर अर्थ एलिमेंट्स (REE) ब्लॉक के लिए पसंदीदा बोलीदाता घोषित किया गया है। यह अधिग्रहण भारत सरकार द्वारा खनिज ब्लॉकों की ई-नीलामी के पांचवें चरण के अंतर्गत किया गया।
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आत्मनिर्भर भारत की दिशा में बड़ा कदम
पोटाश खनन के क्षेत्र में यह भारत की पहली पहल है। वर्तमान में भारत अपनी 100% पोटाश की जरूरत विदेशों से—जैसे कनाडा, बेलारूस, जॉर्डन और दक्षिण कोरिया—से आयात करता है। हिन्दुस्तान जिंक को मिला यह खनन अधिकार देश को उर्वरक खनिजों में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक निर्णायक कदम माना जा रहा है।
कोयला एवं खान मंत्री जी. किशन रेड्डी ने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा, "भारत में पहली बार पोटाश खनन का मार्ग प्रशस्त हुआ है। यह हमारी कृषि अर्थव्यवस्था और किसानों की रीढ़ को मजबूत करने की दिशा में एक साहसिक उपलब्धि है।"
दो महत्वपूर्ण ब्लॉक, दो राज्यों में
हनुमानगढ़, राजस्थान : 1841.22 हेक्टेयर क्षेत्र में फैला भारत का पहला पोटाश व हैलाइट ब्लॉक, अभी G3 (प्रारंभिक अन्वेषण) स्तर पर है।
सोनभद्र, उत्तर प्रदेश : 210.01 हेक्टेयर में फैला रेयर अर्थ एलिमेंट्स ब्लॉक, जो उच्च तकनीक उद्योगों व स्वच्छ ऊर्जा के लिए महत्वपूर्ण है।
इन ब्लॉकों के साथ, हिन्दुस्तान जिंक अब रणनीतिक खनिजों के उत्पादन में भी बड़ी भूमिका निभाने को तैयार है।
CEO अरुण मिश्रा ने कहा कि हिन्दुस्तान जिंक लिमिटेड के CEO अरुण मिश्रा ने इस उपलब्धि को "रणनीतिक मिनरल एक्सप्लोरेशन में कंपनी की विशेषज्ञता का प्रमाण" बताया। उन्होंने कहा "यह अधिग्रहण देश के खनिज सुरक्षा लक्ष्यों और तेज आर्थिक विकास के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। इससे रोजगार, निवेश और स्थानीय विकास को भी बढ़ावा मिलेगा।"
वैश्विक मंच पर भारत की स्थिति मजबूत
हिन्दुस्तान जिंक, वेदांता समूह की कंपनी है, जो विश्व की सबसे बड़ी एकीकृत जिंक उत्पादक और वैश्विक शीर्ष 5 चांदी उत्पादकों में शामिल है। यह 40 से अधिक देशों को आपूर्ति करती है और भारत के जिंक बाजार में इसकी 77% हिस्सेदारी है।
कंपनी को S&P Global Corporate Sustainability Assessment 2024 में लगातार दूसरे साल दुनिया की सबसे सस्टेनेबल मेटल एंड माइनिंग कंपनी घोषित किया गया है।
क्या है पोटाश और REE की अहमियत?
पोटाश : एनपीके (नाइट्रोजन-फॉस्फोरस-पोटेशियम) उर्वरकों का अहम घटक।
रेयर अर्थ एलिमेंट्स : इलेक्ट्रॉनिक्स, रिन्युएबल एनर्जी और रक्षा उपकरणों में अत्यंत उपयोगी।
भारत में पोटाश खनन की यह शुरुआत न केवल कृषि क्षेत्र के लिए एक नई उम्मीद है, बल्कि यह देश को रणनीतिक खनिजों में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम भी है। हिन्दुस्तान जिंक के इस कदम से स्थानीय विकास, निवेश और रोजगार के नए अवसर भी खुलेंगे।
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