उदयपुर। जिला परिषद में शनिवार को हुई थर्ड ग्रेड शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया के खिलाफ अदालत में गए मामले में कोर्ट ने प्रक्रिया जायज होने का आदेश दिया। शिक्षक भर्ती प्रक्रिया पर रोेक लगाने के लिए एक महिला की स्टे की मांग खारिज करने के अदालती आदेश से दिवाली से पूर्व 180 शिक्षकों को नौकरी की सौगात मिली।
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सिविल न्यायाधीश शहर उत्तर ज्योत्सना मीणा की अदालत ने बेदला निवासी वंदना कंवर पुत्री निर्भयसिंह चौहान का वाद और अस्थाई निषेधाज्ञा का प्रार्थना पत्र खारिज कर दिए। प्रार्थिया वंदना ने जिला परिषद के सीईओ एवं अतिरिक्त परीक्षा नियंत्रक के विरुद्ध वाद दाखिल कराया था। जिला परिषद की ओर से अधिवक्ता भूपेंद्र जैन ने पैरवी की। प्रार्थना पत्र आदेश 7 नियम 11 सपठित धारा 151 सीपीसी एवं पंचायतीराज अधिनियम की धारा 109 के तहत वाद प्रस्तुत करने से 2 माह पूर्व वादी ने नोटिस नहीं दिया जो कि आज्ञापक प्रावधान है। जैन ने अदालत से गुजारिश की कि विधिक प्रक्रिया अपनाए बगैर दायर दावा चलने योग्य नहीं होने से अदालत वाद खारिज करे। वादी के अधिवक्ता प्रफुल्ल करणपुरिया ने प्रतिवादी के प्रार्थना पत्र का विरोध किया। जिला परिषद के विधि अधिकारी चांदकुमार पालीवाल भी उपस्थित थे। दोनों पक्षों की दलीलें सुनकर पीठासीन अधिकारी ने प्रतिवादी जिला परिषद का वाद स्वीकार किया।
उल्लेखनीय है कि जिला परिषद में शनिवार को ही थर्ड ग्रेड शिक्षकों की भर्ती के लिए 180 चयनित अभ्यर्थियों की काउंसलिंग प्रक्रिया हुई। इन शिक्षकों की वेकेंसी 2013 में निकाली गई थी। वादी वंदना कंवर ने जिला परिषद की वेकेंसी के विज्ञापन में तलाकशुदा महिला कोटे में पदों के वर्गीकरण को चुनौती दी थी। उन्होंने तलाकशुदा महिला की सामान्य कैटेगरी में राहत चाही थी।
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