उदयपुर। राजस्थान साहित्य अकादमी उदयपुर ने तीन साल के बकाया विभिन्न पुरस्कारों से 24 साहित्यकारों को पुरस्कृत किया है। हिरणमगरी स्थित साहित्य अकादमी कार्यालय में हुए समारोह में 2019-20 का सर्वोच्च मीरा पुरस्कार जयपुर के गोविंद माथुर की काव्य कृति मुड़कर देखता है जीवन, 2020-21 का मीरा पुरस्कार जयपुर के ही डॉ. आरडी सैनी की गद्य कृति प्रिय ओलिव और 2021-22 का मीरा पुरस्कार जोधपुर की डॉ. पद्मजा शर्मा को कृति मोबाइल, पिक और हॉस्टल के लिए प्रदान किया गया। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
इस अवसर पर समारोह के मुख्य अतिथि गांधी शांति प्रतिष्ठान दिल्ली के अध्यक्ष कुमार प्रशांत ने कहा कि साहित्य वही है जो समाज को साथ लेकर चलता है। जो समाज और देश की भावना को छोड़कर चले, वो साहित्य बिना जड़ के वृक्ष के समान है। उन्होंने महात्मा गांधी का जिक्र करते हुए कहा कि वो प्रेम थे। आज लोकतंत्र के लिए गांधीजी के विचारों के साथ खड़े होने का समय है। इस समय में जो चुप रहेगा, वो अपराधी माना जाएगा।
कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि साहित्यकार लीलाधर मंडलोई ने कहा कि करुणा, मनुष्यता का पाठ हमने गांधी से सीखा है। आज मनुष्यता खतरे में है, इसमें कलम आगे बढ़ाकर अपना काम करें। लेखक का धर्म सामान्य नहीं है। आने वाली पीढ़ी में से कोई आपसे सवाल करेगा तो आप क्या जवाब दोगे? अकादमी अध्यक्ष दुलाराम सहारण ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का अकादमी के तीन साल के बकाया पुरस्कारों की स्वीकृति देने का निर्णय ऐतिहासिक है।
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