नवजात प्रीता की स्थिति अत्यधिक कम वजन होने की वजह से नाजुक थी।
एसएनसीयू इंचार्ज डॉ. अनुराधा सनाढ्य ने तुरन्त इलाज प्रारम्भ किया। जरुरत
के मुताबिक आॅक्सीजन, आईवी फ्लूड, रोग प्रतिरोधक दवाएं आदि दिए गए। पहले
महीने बच्ची प्रीता की हालत कई बार बिगड़ी। उसे चार बार रक्त भी चढ़ाया
गया। पूरी निगरानी में रह रही नवजात का 10 से 15 ग्राम वजन बढ़ना शुरू हो
गया। पूरे 75 दिन तक सीनियर डॉक्टर्स, रेजिडेंट डॉक्टर एवं नर्सिग स्टाफ ने
दिन रात अथक प्रयास किया और 7 जनवरी, मंगलवार को एक किलो 375 ग्राम वजन की
स्वस्थ कन्या को नर्सरी से डिस्चार्ज किया गया।
इस दौरान जननी शिशु
सुरक्षा योजना के तहत सरकार द्वारा दी जा रही सभी तरह की दवाइयां, भोजन व
अन्य सुविधाएं निःशुल्क प्रदान की गई। यही नहीं समय-समय पर डॉक्टर्स एवं
स्टाफ द्वारा आर्थिक सहायता भी दी गई। आरएनटी मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य
डॉ. लाखन पोसवाल, महाराणा भूपाल होस्पिटल उदयपुर के अधीक्षक डॉ. आर. एल.
सुमन, बाल चिकित्सा विभागाध्यक्ष डॉ. सुरेश गोयल एवं एसएनसीयू इंचार्ज डॉ.
अनुराधा सनाढ्य, के अथक प्रयासों से नवजात स्वस्थ व एवं परिवारजन खुश है।
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