उदयपुर। आधुनिक राजस्थान के निर्माता मोहनलाल सुखाडिय़ा के नाम से प्रसिद्ध उदयपुर का सुखाडिय़ा सर्कल बदहाल हो गया है। यहां मोहनलाल सुखाडिय़ा की प्रतिमा लगी है, जिसके चारों ओर कचरा, झाडिय़ा व अतिक्रमण है। सर्किल के पार्क में भी घास उखड़ चुकी है। वहीं फव्वारा और उस पर लगी लाइटें सालों से बंद पड़ी है। 31 जुलाई 2016 को मोहनलाल सुखाडिय़ा का 100वां जन्मदिवस था, तब से इस सर्किल की हालत बिगड़ती चली गई। ऐसा लगता है खुद कांग्रेस ने 17 साल मुख्यमंत्री रहे अपने नेता को भुला दिया है। नवनिर्वाचित उपमहापौर पारस सिंघवी, पार्षद मनोहर चौधरी, महेश त्रिवेदी ने जब सुखाडिय़ा सर्किल का दौरा किया तो वे खुद हालत को देखकर दंग रह गए। उन्होंने परिषद के अफसरों को बुलाकर स्थिति से अवगत कराया और सर्कल को सुधारने के निर्देश दिए। सर्किल पर बने पार्क में हो रहे अतिक्रमण को हटवाया गया। साथ ही पार्क में चल रहे अवैध झूलों को हटवाकर संचालकों को पाबंद किया गया। अब देखना यह है कि सुखाडिय़ा सर्किल दशा कब तक सुधरेगी। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
भाजपा के पांच बोर्ड नहीं हटवा सके स्टे
सुखाडिय़ा प्रतिमा स्थल के पास वाले एक पार्क पर 25 साल से स्टे है। दरअसल यहां अम्यूजमेंट पार्क चलता था। प्रशासन ने इस पार्क को बंद करवा दिया। अम्यूजमेंट कंपनी इसके खिलाफ कोर्ट में चली गई। अवमानना के मामले में एक अधिकारी को सजा भी हुई है। ये मामले हाईकोर्ट में हैं। मामले के पक्षकार दीपक जैन बताते हैं कि राजीनामे की कोशिश हो रही है। प्रशासन ने उन्होंने 1.76 करोड़ का क्लेम मांगा है या उचित जगह देने का आग्रह किया है।
इस पार्क को गोद लेना चाहता है सुखाडिय़ा परिवार
पूर्व मुख्यमंत्री पौत्र व शहर कांग्रेस कमेटी के महामंत्री दीपक सुखाडिय़ा ने बताया कि हमारे परिवार ने इस पार्क को गोद लेने की पेशकश की है। इस बारे में पूर्व महापौर चंद्रसिंह कोठारी को पत्र दिया था, लेकिन बात आगे नहीं बढ़ी। परिवार की मंशा है कि इस पार्क को गोद लेकर बेहतरीन बनाया जाए। हमारी कोशिश जारी है।
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