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उदयपुर/मंदसौर। मध्य प्रदेश के मंदसौर में पुलिस की गोलीबारी में मारे गए किसानों के परिजनों से मुलाकात के लिए गुरुवार को जाते समय कांग्रेस के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राहुल गांधी और राजस्थान के कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष सचिन पायलट को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। इसके बावजूद राहुल गांधी किसानों से मिलने की जिद पर अड़ गए। आखिर में एमपी सरकार को राहुल गांधी की पीडि़त किसानों से मुलाकात करवानी पड़ी।
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गौरतलब है कि राहुल को रोकने के लिए एमपी सरकार ने बॉर्डर के गांव नयापुरा में 1 हजार जवान, 3 आईजी, 2 एसपी और कई एसएचओ को मौके पर तैनात किया और इतना ही नहीं एक स्थानीय रिसोर्ट को अस्थायी जेल में तब्दील किया गया। वहां राहुल गांधी को गिरफ्तार करके रखा गया। एमपी पुलिस ने जगह-जगह कांग्रेसजनों को रोकने की नाकाम कोशिश की और कार्यकर्ताओं के साथ दुर्व्यवहार भी किया, लेकिन तमाम कोशिशों के बावजूद प्रशासन कांग्रेसजनों का हौसला तोडऩे में नाकाम रहा।
अंत में राहुल गांधी एवं प्रदेशाध्यक्ष सचिन पायलट को गिरफ्तार कर लिया गया। राहुल गांधी को मध्य प्रदेश की सीमा पार करने से रोक तो दिया, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। उन्होंने जिद पकड़ ली कि वे पीडि़त किसानों से मुलाक़ात किए बिना न तो भोजन करेंगे और न ही जमानत स्वीकार करेंगे और ना ही वापस जाएंगे। आखिर में प्रशासन को राहुल गांधी की जिद के आगे घुटने टेकने पड़े और पीडि़त किसानों से उनकी मध्य प्रदेश एवं राजस्थान की सीमा पर मुलाकात कराई गई। वहां उन्होंने न सिर्फ उनकी वेदना सुनी, बल्कि आश्वश्त किया कि कांग्रेस पार्टी अन्याय के विरुद्ध चुप नहीं बैठेगी। हमेशा की तरह किसानों की आवाज बन कर सरकार को घेरने का काम करेगी और अपनी तरफ से हरसंभव मदद देने को कोशिश करेंगे।
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