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-बागेश्वर धाम के पं. धीरेन्द्र शास्त्री, कथा मर्मज्ञ पं. देवकीनंदन ठाकुर व बांसवाड़ा के संत उत्तम स्वामी का होगा आशीर्वचन
उदयपुर। ’ बासंती ऋतु में नवरूप में खिलखिलाई सृष्टि की नव बयार के स्वागत में गुरुवार 23 मार्च को झीलों का शहर मंगलाचार से गूंजेगा। सृष्टि के आरंभ की तिथि मानी जाने वाली चौत्र शुक्ल प्रतिपदा के मंगल आगमन पर शंखनाद, मंगल कलश यात्राओं के संगम और ‘सर्वे भवन्तु सुखिनः’ का भाव रखने वाली सनातन संस्कृति के जयकारों के साथ संतों के पावन सान्निध्य में अखिल विश्व की मंगलकामना की जाएगी।
भारतीय नववर्ष समाजोत्सव समिति, नगर निगम उदयपुर और उदयपुर के सभी समाज, संगठनों की संयुक्त भागीदारी के साथ गुरुवार 23 मार्च दोपहर एक बजे नगर निगम प्रांगण से 101 शंखों के नाद के साथ विशाल शोभायात्रा शुरू होगी जिसकी अगुवाई सनातन धर्मग्रंथ की झांकी व बग्घियों में बिराजमान संत-महंत करेंगे। 11 अश्वों पर आदिशक्ति का प्रतीक कन्याएं सवार होंगी। शोभायात्रा व कलश यात्राओं के महाराणा भूपाल स्टेडियम पहुंचने पर धर्मसभा होगी जिसमें बागेश्वर धाम के पीठाधीश पं. धीरेन्द्र शास्त्री, प्रख्यात कथा मर्मज्ञ पं. देवकीनंदन ठाकुर व बांसवाड़ा के उत्तम स्वामी महाराज का आशीर्वचन प्राप्त होगा। धर्मसभा में मेवाड़ अंचल के संत-महंतों का भी सान्निध्य रहेगा।
समिति के संयोजक कपिल चित्तौड़ा ने बताया कि दोपहर एक बजे नगर निगम प्रांगण से विशाल शोभायात्रा शुरू होने के साथ जगदीश मंदिर, भूपालपुरा मैदान और फतह स्कूल से कलश यात्राएं शुरू होंगी। मुख्य शोभायात्रा के देहलीगेट से आगे बढ़ने के बाद तीनों कलश यात्राओं का देहलीगेट पर संगम होगा।
भोजन के एक लाख पैकेट बनाए जा रहे, डेढ़ सौ से अधिक हलवाई जुटे
बुधवार को महाराणा भूपाल स्टेडियम में आयोजन को लेकर तैयारियां युद्धस्तर पर रहीं। कुछ देर की बारिश के दौरान भी तैयारियों का दौर जारी रहा। स्टेडियम की ही भोजनशाला में एक लाख भोजन पैकेट भी तैयार किए जा रहे हैं। सब्जी खराब न हो इसके लिए पचकुटे की सब्जी बनाई गई है, पूड़ी के साथ नुक्ति भी भोजन महाप्रसाद के पैकेट में रहेगी। डेढ़ सौ से अधिक हलवाई व उनके सहायक इस कार्य में जुटे हुए हैं। महापौर जीएस टांक व उपमहापौर पारस सिंघवी ने दोपहर में भोजनशाला सहित स्टेडियम की अन्य व्यवस्थाओं व तैयारियों का जायजा भी लिया।
विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं ने बनाई रंगोली
यहां मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय के चित्रकला विभाग के 50 से अधिक छात्र-छात्राओं ने मंच के आगे रंगोली बनाने का काम संभाला। चेतक सर्कल, देहलीगेट, सूरजपोल आदि प्रमुख चौराहों को भी भगवा पताकाओं से सजाया गया है। चेतक सर्कल पर मेवाड़ की वीरांगना हाड़ी रानी की झांकी भी लगाई गई है। कार्यक्रम को लेकर उदयपुर सहित आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में भी तैयारियां जोरों पर हैं। बड़ी संख्या में गांवों से भी लोग धर्मसभा में पहुंचेंगे। शहर से गांव तक भारतीय नववर्ष के स्वागत में भगवा फर्रियां और पताकाएं लहराती नजर आ रही हैं। शहरी क्षेत्र में भी लगातार भगवा पताकाओं की मांग बढ़ रही है। कई युवा गाड़ियों पर भी पताकाएं लगा रहे हैं। बुधवार को दिन भर पताकाओं की मांग जारी रही।
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