उदयपुर। देश को पर्यावरण प्रदूषण से मुक्त बनाने के लिए ई—वेस्ट निस्तारण के लिए चलाए जा रहे अभियान के तहत लायंस क्लब इंटरनेशनल द्वारा 13 फरवरी तक अभियान चलाया है। आगामी 13 फरवरी तक 200 टन ई—वेस्ट संग्रह का लक्ष्य रखा गया है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
लायंस क्लब के निदेशक डॉ. वीके लाडिया ने मंगलवार को आयोजित पत्रकार वार्ता में बताया कि विश्व तेजी से डिजिटल बनता जा रहा है। जिसके चलते हमारों घरों में मोबाइल फोन, टेलीविजन, कम्प्यूटर, वाशिन्ग मशीन, कैमरा, कूलर, एयर कंडीशन या हीटर आदि कई ऐसे उपकरण डम्प हो जाते हैं, जिनका कोई उपयोग नहीं होता। विकसित होती तकनीक में ये भविष्य में भी कोई उपयोग के नहीं रहते। ऐसे में इन्हें बाहर फैंक दिया जाए तो ये पर्यावरण को बड़ा नुकसान पहुंचाते हैं। जिसके चलते मानव जीवन पर भी प्रभाव पड़ता है और यह कई रोगों को बढ़ावा देता है। प्रांतपाल दिलीप तोषनीवाल ने कहा कि इलेक्ट्रोनिक सामानों के अलावा क्रोमियम, लैड, कैडमियम, आर्सेनिक और मरकरी जैसे खतरनाक पदार्थों का भी इनमें उपयोग होता है। उजब हम इन ई वेस्ट को खुले में फैंक देते हैं तो यह मिट्टी, हवा और भूमिगत जल में मिलकर विष का काम करते हैं। कैडमियम का धुआं मनुष्य के फैंफडे और किडनी को गंभीर नुकसान पहुंचाते हैं। इसके अलावा कम्पयूटर में उपयोगी फासफोरस और मरकरी भी पर्यावरण को बड़ा नुकसान पहुंचाते हैं। पारा भी एक जहरीली धातु है, जो मछली जगत के लिए नुकसानदायक है। इसी तरह प्लास्टिक वेस्ट का निस्तारण एक बड़ी समस्या है।
भारत में हर दिन 15 हजार टन प्लास्टिक कचरा निकलता है
लायंस क्लब इंटरनेशल के प्रांतपाल दिलीप तोषनीवाल बताया कि भारत में हर दिन 15 हजार टन प्लास्टिक निकलता है। ऐसे में अगर हमने ई कचरे का सही प्रबंधन नहीं किया तो इसके लिए भविष्य में हमारे बच्चों को बड़ी कीमत चुकानी पड़ सकती है। ऐसे में हमारा कर्तव्य बन जाता है कि हम कम से कम ई वेस्ट करें और यदि जरूरी है तो उसके सही निस्तारण में सहयोग करें।
राजस्थान में एक महीने और चलेगा अभियान
पूर्व प्रांतपाल अनिल नाहर ने बताया कि लायंस क्लब की ओर से इस 13 फरवरी तक अभियान चलाया जा रहा था लेकिन उदयपुर सहित राजस्थान में एक और महीने के लिए ई वेस्ट संग्रहण के लिए अभियान चलाया जाएगा। उन्होंने बताया कि इसके लिए प्रदेश में पांच सेंटर बनाए गए हैं, जहां ई वेस्ट संग्रहित किया जाना है। इनमें उदयपुर के अलावा अजमेर, कोटा, जयपुर और भीलवाड़ा शामिल हैं। यहां संग्रहित ई वेस्ट एक जगह लाए जाने के बाद हिन्दुस्तान ई वेस्ट रिसाइकल कंपनी को भेजा जाएगा। यह कंपनी इसका रिसाइकल करेगी। उन्होंने बताया कि यहां ई वेस्ट से प्लास्टिक और अन्य धातुओं को अलग—अलग किया जाएगा और इससे होने वाली आय लायंस क्लब को मिलेगी, जिससे वह अपने अभियानों में खर्च करेगी। उन्होंने बताया कि लायंस क्लब विजन यानी आंखों के आपरेशन, स्कूली शिक्षा, पर्यावरण के अलावा डायबिटिज रोगियों में अवेयरनेस जैसे प्रोग्राम चलाता है।
उदयपुर में खुलेगा डायलिसिस सेंटर
लायंस क्लब की ओर से उदयपुर में डायलिसिस सेंटर खोला जाएगा। जिसमें छह उायलिसिस मशीन लगाई जाएंगी। इसके लिए हिरणमगरी सेक्टर 6 में भवन तैयार है। एफडीआर की वजह से राशि नहीं मिलने की वजह से इस काम में देरी हुई। यदि और देरी होगी तो क्लब राशि एकत्र कर इसी साल डायलिसिस सेंटर शुरू कराएगा।
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