उदयपुर। लेकसिटी में वर्षा का दौर तीसरे दिन गुरुवार को भी जारी रहा। सुबह से ही कहीं मध्यम तो कहीं तेज बारिश होने से मौसम सुहाना बना रहा। जयसमंद झील अब केवल आधा फीट खाली है। ’ढेबर झील’ यानि जयसमंद पर बने पत्थरों के हाथी के पैर तक पानी आते ही यह छलक जाएगी। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
उदयपुर शहर में एक बार फिर सक्रिय मानसून से झीलों और पहाडों का नैसर्गिक सौन्दर्य दमक उठा है। दिनभर हो रही बूंदाबांदी शहरवासियों को भिगोती रही, वहीं काले बादलों के बीच मौसम में भी ठंडक बनी रही। लबालब झीलें और उनसे बहती जलराशि को देखने झील किनारे शहरवासियों की भीड़ फिर उमड़ने लगी है। यूआईटी पुलिया पर भी तेज प्रवाह से बहते पानी को देखने रात 12 बजे तक शहरवासियों का आना-जाना लगा रहता है। एशिया की दूसरी मीठे पानी की झील अब लबालब होने के कगार पर आ गई है। पूर्ण भराव क्षमता 8.38 मीटर (साढे 27 फीट) से यह केवल आधा फीट ही खाली है। गुरुवार को इसका जलस्तर 8 मीटर (27 फीट) पर पहुंच गया है। झामरी व गोमती से इसमें पानी आवक हो रही है। जिले की सोम कागदर नदी 30 सेमी ओवरफ्लो बह रही है। सीसारमा नदी व आकोदडा बांध से शुरू हुई पानी आवक के चलते पीछोला में पानी आने से स्वरूपसागर के दो गेट गुरुवार सुबह 1 फीट 3 इंच खोले गए। इधर, फतहसागर झील को भरने वाली मदार नहर के 3 फीट बहने से फतहसागर के चारो गेट दो-दो इंच खुले रहे।
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