उदयपुर। उदयपुर नगर निगम द्वारा यात्री कर लगाने के प्रस्ताव का होटल एसोसिएशन, उदयपुर ने विरोध किया है। राज्य के स्थानीय निकाय मंत्री शांति धारीवाल को भेजे गए पत्र में एसोसिएशन लिखा है-उदयपुर में पर्यटन को बचाना और बढ़ाना है तो यहां की होटलों को यात्री कर से मुक्त रखना होगा। होटल संचालक पहले ही कई तरह के भारी भरकम शुल्क अदा कर रहे हैं। ऐसे में यात्री कर लगाना होटल संचालकों पर आर्थिक बोझ डालने जैसा होगा। कोरोनाकाल के बाद पहले ही यात्री भार बहुत कम हो चुका है। यात्री कर लगाया गया तो पर्यटन व्यवसाय पर ही विपरीत असर पड़ेगा। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष धीरज दोषी व सचिव जतिन श्रीमाली की ओर से स्थानीय निकाय की ओर से लिखे गए पत्र में बताया कि होटल एसोसिएशन उदयपुर 225 होटलों की 55 वर्ष पुरानी नामी संस्था है जो कि पर्यटन के विकास एवं संवर्धन के लिए निरन्तर कार्यरत है।
उन्होंने बताया कि समाचार पत्रों के माध्यम से हमें ज्ञात हुआ है कि नगर निगम, उदयपुर द्वारा यात्री कर का प्रस्ताव राजस्थान सरकार के अनुमोदनार्थ भेजा गया है। आपके ध्यान में लाना चाहेंगे कि नगर निगम, उदयपुर द्वारा हाल ही में लगभग 10 गुना बढ़ी हुई दर से अनुज्ञा शुल्क, नगरीय विकास कर एवं कचरा संग्रहण शुल्क होटल संचालकों से लिया जा रहा है। केन्द्र सरकार एवं राजस्थान सरकार द्वारा भी जी.एस.टी. पूर्ण रूप से लागू कर दिया गया है इन सभी परोक्ष एवं अपरोक्ष खर्चों के चलते होटल व्यवसाय के संचालन महंगा हो गया है एवं अतिरिक्त यात्री कर जोड़ना बिल्कुल भी व्यवहारिक नहीं है।
आपके ध्यान में लाना चाहेंगे की बडी होटल ईकाई (जिनका किराया 3,000/- रूपया प्रतिरूम प्रतिदिन से अधिक है) ना केवल हजारों लोगों को रोजगार प्रदान करती है बल्कि राजस्व का भी प्रमुख स्रोत होती है, ऐसे में यात्री कर लगाना इस वर्ग के व्यवसाय को आघात पहुंचाएगा।
आपको ज्ञात होगा कि वैश्विक अस्थिरता, बढती हुई महंगाई एवं कोरोना जैसी महामारी का प्रकोप अभी भी पूर्ण रूप से खत्म नहीं हुआ है। ऐसे में जहां राज्य सरकार एवं मुख्यमंत्री हर संभव प्रयास कर पर्यटन व्यवसाय को प्रोत्साहित करने के लिए विभिन्न योजनायें बना रहे हैं और दूसरी तरफ इस तरह का करारोपण के प्रस्ताव से व्यापारी वर्ग आक्रोशित है।
होटल एसोसिएशन ने गुजारिश की है कि आपका सकारात्मक एवं तत्काल निर्णय व्यापारी वर्ग में सरकार के प्रति विश्वास को बनाए रखेगा एवं पर्यटन को भी बढावा देगा।
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