|
उदयपुर। राजस्थान के उदयपुर जिले में वल्लभनगर पुलिस ने हनी ट्रैप के जरिए युवक को फंसाकर फिरौती मांगने वाले एक गैंग का भंडाफोड़ किया है। इस गिरोह ने न केवल एक किसान को प्रेमजाल में फंसाया, बल्कि उसे बंधक बनाकर उसके परिजनों से 5 लाख रुपये की फिरौती भी मांगी। पुलिस ने इस मामले में तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लूटे गए गहने और बाइक भी बरामद कर ली है। गिरोह में एक महिला समेत कुल 7 सदस्य शामिल हैं, जिनकी तलाश जारी है।
प्यार का बहाना, फिर साजिश का ताना-बाना ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
पीड़ित गोपीलाल, जो कि एक किसान है, करीब 5 साल से अपनी पत्नी से अलग रह रहा था। इसी अकेलेपन का फायदा उठाकर गैंग की महिला सदस्य ने उसे प्रेमजाल में फंसाया। मोबाइल पर बातचीत का सिलसिला शुरू हुआ और फिर मिलने का न्यौता दिया गया।
गोपीलाल जैसे ही सुनसान जगह मिलने पहुंचा, वहां पहले से मौजूद बदमाशों ने उसे घेर लिया। महिला को पत्नी या बहन बताकर झूठे रेप केस में फंसाने की धमकी दी और गहने, नकदी व बाइक लूट ली। इसके बाद पीड़ित को अगवा कर अलग स्थान पर ले जाया गया, जहां से उसकी मां को फोन कर 5 लाख की फिरौती मांगी गई।
गैंग में शामिल हैं शातिर अपराधी
वल्लभनगर थाना प्रभारी दिनेश पाटीदार ने बताया कि गिरोह के तीन सदस्य—दशरथ उर्फ शैतानसिंह (भदेसर), मोतीलाल (डबोक) और दीपक (बड़ीसादड़ी) को गिरफ्तार किया गया है।
गैंग का सरगना दशरथ है, जिस पर पहले से ही मारपीट, चोरी और धोखाधड़ी जैसे अपराध दर्ज हैं। वहीं, मोतीलाल पर जानलेवा हमले सहित तीन मामले हैं। ये अपराधी अब तक कानून की नजरों से बचते हुए अपने शिकार को ठगते आ रहे थे।
50 से ज्यादा CCTV खंगाले, साइबर टीम की मदद से पकड़े गए आरोपी
पुलिस ने इस केस को सुलझाने के लिए तकनीकी तरीके अपनाए। घटनास्थल और आसपास के 50 से ज्यादा CCTV फुटेज खंगाले गए। साथ ही साइबर टीम के जरिए मोबाइल लोकेशन और कॉल डिटेल रिकॉर्ड (CDR) खंगाले गए।
जैसे ही आरोपियों ने पीड़ित को दूसरी जगह बुलाया, पुलिस ने जाल बिछाकर तीनों को मौके पर ही दबोच लिया। पूछताछ में पता चला कि गैंग में कुल 6 पुरुष और एक महिला शामिल है।
गैंग का 'वर्किंग मॉड्यूल' — ऐसे चलता है हनी ट्रैप का खेल
पहला कदम - भावनात्मक फांस: गैंग की महिला सदस्य किसी कुंवारे या विधुर पुरुष से संपर्क करती है और भावनात्मक रिश्ता बनाती है।
दूसरा कदम - सुनसान मुलाकात: मिलने के लिए सुनसान जगह तय की जाती है, जहां अन्य बदमाश पहले से मौजूद होते हैं।
तीसरा कदम - ब्लैकमेलिंग और धमकी: महिला को ‘परिवार की सदस्य’ बताकर झूठे केस में फंसाने की धमकी दी जाती है।
चौथा कदम - लूट और अपहरण: मोबाइल, गहने, नकदी और वाहन छीनकर पीड़ित को अगवा कर दूसरी जगह ले जाया जाता है।
पांचवां कदम - फिरौती: रिश्तेदारों को फोन कर लाखों रुपये की फिरौती मांगी जाती है।
छठा कदम - पहचान बदलना: घटना के बाद गिरोह के सदस्य हुलिया बदलकर दूसरी जगहों पर छिप जाते हैं।
पुलिस अलर्ट, आगे की कार्रवाई जारी
पुलिस अब फरार आरोपियों की तलाश में जुट गई है। थानाधिकारी ने बताया कि यह गैंग अब तक कई लोगों को ठग चुका है। इनके खिलाफ अन्य जिलों में भी शिकायतें दर्ज होने की संभावना है।
वल्लभनगर पुलिस ने आमजन से अपील की है कि यदि कोई व्यक्ति इस तरह के हनी ट्रैप का शिकार हुआ है या संदिग्ध गतिविधियों की जानकारी है तो तुरंत पुलिस को सूचित करें।
अकेलेपन का फायदा उठा रहा है अपराधियों का नेटवर्क
यह मामला न केवल एक पुलिसिया सफलता है, बल्कि यह समाज को भी चेतावनी देता है कि कैसे अपराधी आधुनिक तकनीक और भावनात्मक छल से मासूम लोगों को जाल में फंसा रहे हैं। अकेलापन और भरोसे की तलाश में भटकते लोग इस तरह के गिरोहों के शिकार बन जाते हैं। ऐसे में समाज को सजग रहने की जरूरत है और हर व्यक्ति को सतर्कता बरतनी चाहिए।
ट्रंप का G7 की बैठक से जल्दी निकलने से इनकार, मैक्रों को बताया 'पब्लिसिटी चाहने वाला'
यूपी विधानसभा चुनाव इंडिया गठबंधन के साथ लड़ेंगे : अखिलेश यादव का ऐलान
अश्विनी वैष्णव ने मानेसर में भारत के सबसे बड़े ऑटोमोबाइल मल्टी-मॉडल कार्गो टर्मिनल का उद्घाटन किया
Daily Horoscope