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हिंदुस्तान जिंक ने किए कार्यस्थल समावेशन में नए मानक स्थापित : ट्रांसजेंडर कर्मचारियों के लिए लैंग्वेज गाइडबुक और अग्रणी नीतियां लॉन्च की

Hindustan Zinc sets new standards in workplace inclusion: Launches language guidebook and pioneering policies for transgender employees - Udaipur News in Hindi

उदयपुर। जिंक उत्पादक कंपनी हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड (HZL) ने अपनी नई "समावेशी भाषा के लिए गाइडबुक" लॉन्च करके कार्यस्थल पर समानता को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण और प्रगतिशील कदम उठाया है। यह पहल एक विविध, सम्मानजनक और समावेशी कार्य वातावरण को बढ़ावा देने के लिए कंपनी की अटूट प्रतिबद्धता को दर्शाती है। यह गाइडबुक हिंदुस्तान जिंक के 'जिंक्लूजन' (Zinclusion) प्लेटफॉर्म पर लॉन्च की गई है, जिसका उद्देश्य LGBTQIA+, दिव्यांग व्यक्तियों और विभिन्न भौगोलिक क्षेत्रों व जातियों के लोगों सहित सभी रूपों में विविधता को अपनाना है। गाइडबुक को एक रणनीतिक ढांचे के रूप में डिजाइन किया गया है जो विभिन्न समुदायों के प्रति संवेदनशीलता को बढ़ावा देता है, समावेशी संचार को प्रोत्साहित करता है और संगठन के सभी स्तरों पर समान कार्यप्रणाली का समर्थन करता है। पैनल चर्चा और उद्योग-अग्रणी नीतियां
लॉन्च के अवसर पर "एलीशिप" (Allyship) विषय पर एक पैनल चर्चा आयोजित की गई, जिसमें कंपनी के सीईओ अरुण मिश्रा और सेवानिवृत्त एयर कमोडोर, एआईएफ सदस्य तथा ट्रांसजेंडर हेल्थकेयर और सोशल इंक्लूजन एक्टिविस्ट, डॉ. संजय शर्मा शामिल थे।
कंपनी ने LGBTQIA समुदाय के कर्मचारियों के लिए उद्योग-अग्रणी कार्यस्थल नीतियां भी बनाई हैं। इन नीतियों में कर्मचारियों के लिए $1,00,000 तक की वित्तीय सहायता, पुनर्असाइनमेंट सर्जरी के लिए $2,00,000 तक की सहायता, सर्जरी के लिए छुट्टियां, साथ ही पितृत्व नीति और आवास नीति जैसी अन्य सहायक नीतियां भी शामिल हैं।
ट्रांसजेंडर कर्मचारियों का मुख्यधारा में समावेशन
धातु और खनन क्षेत्र, जिसे पारंपरिक रूप से पुरुष-प्रधान माना जाता है, में हिंदुस्तान जिंक ने अपनी विभिन्न व्यावसायिक इकाइयों में 23 ट्रांसजेंडर कर्मचारियों को नौकरी के अवसर दिए हैं। इन कर्मचारियों को कंपनी के भीतर मुख्यधारा की भूमिकाओं में महत्वपूर्ण प्रतिनिधित्व मिला है, जिनमें फाइनेंस, सप्लाई चेन, मार्केटिंग, मेडिकल और अन्य विभाग शामिल हैं। यह कदम कंपनी की समावेशी सोच को दर्शाता है।
कंपनी ने बताया कि उद्योग 4.0, डिजिटलीकरण, रोबोटिक्स और ऑटोमेशन जैसी तकनीकी प्रगति ने मैनुअल श्रम को कम करने में मदद की है, जिससे यह क्षेत्र रोजगार के लिए और अधिक आकर्षक बन गया है। हिंदुस्तान जिंक की डिजिटल खदानों में सतह-आधारित भूमिगत खनन (टेली-रिमोट) संचालन, रियल-टाइम एनालिटिक्स और ऑटोमेशन जैसी आधुनिक तकनीकें शामिल हैं। ये सुविधाएं इस तेजी से विकसित हो रहे उद्योग में बिना किसी लिंग भेदभाव के रोमांचक करियर विकल्प प्रदान करती हैं।
नेतृत्व की प्रतिबद्धता और भविष्य के लक्ष्य
हिंदुस्तान जिंक की चेयरपर्सन और वेदांता लिमिटेड की डायरेक्टर प्रिया अग्रवाल हेब्बार ने इस पहल पर उत्साह व्यक्त करते हुए कहा, "वेदांता और हिंदुस्तान जिंक में, हम एक ऐसा माहौल बनाने का प्रयास करते हैं जहां हर व्यक्ति को महत्व दिया जाए और उसे आगे बढ़ने का अवसर देकर सशक्त किया जाए। हम सक्रिय रूप से ऐसी संस्कृति को बढ़ावा दे रहे हैं जो विविधता को महत्व देती है और सभी के लिए समान अवसर सुनिश्चित करती है। यह गाइडबुक एकजुटता और अपनेपन के हमारे मूल्यों को दर्शाती है, जहां आप सिर्फ एक कर्मचारी नहीं हैं, आप परिवार का हिस्सा हैं जहां घर जैसा महसूस हो सके।"
डॉ. संजय शर्मा ने इस अवसर पर कहा, "भाषा यह आकार देती है कि हम एक-दूसरे को कैसे देखते हैं, यह या तो बाधाएं खड़ी कर सकती है या दरवाजे खोल सकती है। हिंदुस्तान जिंक की समावेशी भाषा मार्गदर्शिका सम्मान, गरिमा और अपनेपन की संस्कृति बनाने की दिशा में एक शक्तिशाली कदम है। मैं संगठन द्वारा समावेशिता को बढ़ावा देने के लिए अपनाई गई बड़ी प्रणाली की भी सराहना करता हूं, यह संगठन में समावेश को स्थायी तरीके से स्थापित करने का विचारशील और प्रभावी तरीका है।”
नियमित संवेदीकरण सत्रों, नेतृत्व वकालत और सामुदायिक जुड़ाव के माध्यम से, कंपनी सक्रिय रूप से सहानुभूति और जागरूकता पर आधारित एक ऐसा कार्यस्थल तैयार कर रही है, जो यह सुनिश्चित करता है कि हर आवाज सुनी जाए, हर पहचान का सम्मान हो और हर व्यक्ति सशक्त हो।
सतत विकास लक्ष्य और विविधता का अनुपात
वर्ष 2022 से, कंपनी ट्रांसजेंडर समुदाय के सदस्यों को सक्रिय रूप से शामिल करने के लिए अपने भर्ती प्रयासों का विस्तार कर रही है, जो सम्मानजनक जीवन के लिए स्थायी आजीविका हासिल करने में चुनौतियों का सामना करते हैं। इस पहल के साथ, कंपनी का लक्ष्य बहुआयामी सोच और समग्र निर्णय लेने के लिए विनिर्माण उद्योग में स्वीकृति और समावेशिता की दिशा में आदर्श बदलाव लाना है।
हिंदुस्तान जिंक का लक्ष्य अपने सतत विकास लक्ष्यों के अनुसार वर्ष 2030 तक कार्यबल में 30 प्रतिशत विविधता हासिल करना है। वर्तमान में कार्यकारी कार्यबल में लिंग विविधता अनुपात लगभग 26 प्रतिशत है, जो मेटल और माइनिंग सेक्टर में विश्व में सबसे अधिक है।

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Web Title-Hindustan Zinc sets new standards in workplace inclusion: Launches language guidebook and pioneering policies for transgender employees
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