जयपुर। उदयपुर। आमजन को जब तक न्याय नहीं मिल जाता, तब तक समानता का सपना अधूरा है। संविधान लागू होने के इतने वर्षों बाद यदि हम आज भी न्याय के लिए जूझ रहे हैं तो इसका अर्थ है कि समानता हमसे अभी भी दूर है। ये कहना है राजस्थान उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधिपति प्रदीप नन्द्राजोंग का। वे शुक्रवार को उदयपुर के मावली क्षेत्र में अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट न्यायालय के नवनिर्मित भवन के लोकार्पण समारोह में बोल रहे थे। नन्द्राजोग ने अंबेडकर जयन्ती के अवसर पर कहा कि डॉ भीमराव अंबेडकर चाहते थे कि फरियादी और न्यायालय के बीच की दूरी कम हो, इसको देखते हुए अधीनस्थ न्यायालयों का महत्व बढ़ जाता है। उन्होंने समारोह में उपस्थित न्यायिक अधिकारियों सहित जनसमूह को बाल विवाह की रोकथाम के लिए प्रभावी प्रयास करने का आह्वान किया।
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