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उदयपुर। परंपरा और आस्था का अद्वितीय प्रतीक एकलिंगजी मंदिर, जहां भगवान शिव को समर्पित यह धार्मिक स्थल मेवाड़ राजपरिवार की पवित्र धरोहर है, आज विवाद की पृष्ठभूमि में सुर्खियों में है। उदयपुर के पूर्व राजपरिवार के सदस्य विश्वराज सिंह मेवाड़ ने आज परंपरागत रस्मों के साथ एकलिंगजी के दर्शन के लिए प्रस्थान किया।
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सुबह समोर बाग पैलेस में विश्वराज सिंह ने पारंपरिक रूप से घोड़ी की पूजा की। यह रस्म मेवाड़ की ऐतिहासिक परंपरा का अभिन्न हिस्सा है, जो शौर्य और संस्कृति को दर्शाती है। इस पूजा के दौरान उनकी पत्नी महिमा कुमारी, जो स्वयं सांसद हैं, और सैकड़ों की संख्या में समर्थक उपस्थित थे। इसके बाद विश्वराज सिंह का काफिला 20 किलोमीटर दूर स्थित एकलिंगजी मंदिर के लिए रवाना हुआ।
कानूनी तनाव और सुरक्षा का जाल :
हाल के दिनों में पूर्व राजपरिवार के दो प्रमुख सदस्यों, विश्वराज सिंह और लक्ष्यराज सिंह के बीच चल रहा विवाद तीव्र हो गया है। सोमवार को हुई झड़पों के बाद दोनों ने एक-दूसरे पर गंभीर आरोप लगाए हैं। लक्ष्यराज सिंह का दावा है कि यह विवाद सरकार में उच्च पदों पर बैठे लोगों के इशारे पर भड़काया गया है, जबकि विश्वराज सिंह ने प्रशासन पर निष्पक्षता न बरतने का आरोप लगाया।
इस विवाद को देखते हुए जिला प्रशासन ने सिटी पैलेस के आसपास धारा 163 (पहले धारा 144) लागू कर दी है। इसके अलावा, काफिले की यात्रा के दौरान पूरे मार्ग पर भारी पुलिस बल तैनात किया गया है। मंदिर क्षेत्र और आसपास के इलाकों में कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए प्रशासन अलर्ट पर है।
विवाद की जड़ और पारिवारिक बंटवारा :
उदयपुर के इस राजपरिवार का विवाद ऐतिहासिक धरोहरों और उनकी देखरेख से जुड़ा हुआ है। एकलिंगजी मंदिर और सिटी पैलेस जैसे महत्वपूर्ण स्थलों पर अधिकार को लेकर लंबे समय से असहमति है। सोमवार को हुई हिंसा इस विवाद का ताजा उदाहरण है, जिसने प्रशासन और स्थानीय समुदाय को चिंतित कर दिया है।
यह घटना सिर्फ एक पारिवारिक विवाद नहीं, बल्कि आस्था, परंपरा और प्रशासनिक व्यवस्था के आपसी टकराव का प्रतीक बन गई है। अब देखने वाली बात यह होगी कि प्रशासन इस मुद्दे को कैसे सुलझाता है और क्या राजपरिवार के सदस्य आपसी सहमति पर पहुंच पाते हैं या नहीं।
उधर, एक दिन पहले लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ ने इस मुद्दे पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने मीडिया को बताया कि सत्ता में उच्च पदों पर बैठे चुने हुए लोग दबाव बनाकर हमारे घर में घुसना चाहते हैं। प्रशासन भी एक तरफा कार्रवाई कर रहा है। आस्था और परंपरा की आड़ में गुंडागर्दी की जा रही है। भगवान एकलिंगनाथ जी के दर्शन करने से किसी ने नहीं रोका है। दर्शन आज भी खुले हैं, पहले भी खुले थे और आगे भी खुले रहेंगे। आस्था और परंपरा की आड़ लेकर कुछ और साजिश रचना गलत है। उन्होंने सवाल उठाया कि प्रशासन ने मंगलवार को धारा-163 लागू की, यह धारा सोमवार को क्यों नहीं लागू की गई?
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