उदयपुर। बागेश्वर धाम के पंडित धीरेंद्र शास्त्री पर उदयपुर में दर्ज किए गए मुकदमे के विरोध में अब उदयपुर के अधिवक्ता भी उतर गए हैं। उन्होंने विभिन्न संगठनों के साथ शुक्रवार को जिला कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन किया और प्रशासन को ज्ञापन देकर शास्त्री पर दर्ज मुकदमे तथा इस मामले में गिरफ्तार किए गए पांचों युवकों पर भी दर्ज मुकदमा हटाने की मांग की। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
शुक्रवार को दोपहर 3 बजे उदयपुर के अधिवक्ताओ ने बार एसोसिएशन,अधिवक्ता परिषद राजस्थान,भाजपा उदयपुर विधि प्रकोष्ठ, श्री बजरंग सेना मेवाड, श्री राम सेना, सालवी समाज, क्षत्रिय महासभा संस्थान और विभिन्न समाज-संगठनों के द्वारा कुंभलगढ मे गिरफ्तार किये गए उदयपुर के पांचों युवकों तथा उनके समाजजनों के साथ जिला कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन किया।
इसके बाद पुलिस महानिदेशक अजय पाल लाम्बा के नाम पर जिला पुलिस अधीक्षक विकास शर्मा को ज्ञापन दिया गया। बार एसोसिएशन अध्यक्ष राकेश मोगरा, भाजपा विधि प्रकोष्ठ अध्यक्ष व पूर्व बार अध्यक्ष महेंद्र नागदा, अधिवक्ता परिषद अध्यक्ष दिनेश गुप्ता, पूर्व बार अध्यक्ष भरत जोशी, पूर्व बार अध्यक्ष रामकृपा शर्मा व समाजों के प्रमुखों ने एसपी विकास शर्मा से कहा कि पंडित धीरेंद्र शास्त्री पर किया गया मुकदमा गलत है, भारत मे संविधान सर्वोपरि है और भारत की समस्त विधियां संविधान द्वारा अनुशासित हैं। भारत के संविधान में किसी एक रंग को किसी धर्म या संप्रदाय के लिए आरक्षित करने का प्रावधान नहीं है। तब ऐसी दशा में कथित तौर पर किसी रंग विशेष को प्रशासन द्वारा किसी धर्म या समुदाय विशेष से जोड़कर किस प्रकार से सांप्रदायिकता के विरुद्ध माना जाकर यह अपराध पंजीबद्ध किया गया है। यह समझ से परे है। प्रथम दृष्ट्या इस बात का कोई उल्लेख नहीं है कि किनके समक्ष कथित शब्द उच्चारित किये गए और किन्हें आपत्ति है। ऐसे में हाथीपोल व केलवाड़ा थाने में की गई इस कार्यवाही को तुरंत प्रभाव से वापस लिया जाना चाहिए। साथ ही, उदयपुर के पांचों युवकों पर 24 मार्च को कुंभलगढ़ मे बेवजह झूठा मुकदमा दर्ज किया गया, रात को 3 बजे गिरफ्तार करने के बाद धारा 185 में सुबह 11 बजे जमानत मुचलका भर देने के बाद भी दोपहर 3 बजे हरे झंडे हटाने एवं भगवा झंडे लगाने का झूठा मुकदमा दर्ज किया गया और लगातार 36 घंटे तक बेरहमी से केलवाड़ा थाना पुलिस द्वारा इनके साथ मारपीट की गई। केलवाड़ा थाने से रेलमगरा मजिस्ट्रेट के आवास पर पेश करने से पूर्व राजसमंद पुलिस लाइन के क्वार्टर में इन युवाओं को रिवाल्वर दिखाकर धमकाया गया और वीडियो बनाया गया। यह अमानवीय कृत्य पुलिस द्वारा किया गया। अतः 36 घंटे तक लॉकअप में रखने के उक्त दिनांक के सारे सीसीटीवी फुटेज संभाल कर रखे जाएं। रोजनामचा चैक किया जाए और निष्पक्ष कार्यवाही कर इन युवाओं पर से भी केस हटाया जाए। मारपीट करने वाले पुलिस अधिकारियों पर कानूनी कार्यवाई की जाए। युवकों एवं उनके परिवार को केलवाड़ा थाना पुलिस से जान का खतरा है इसलिए इन सभी को जिला पुलिस द्वारा सुरक्षा मुहैया कराई जाए।
ज्ञापन देने वालों में बार एसोसिएशन के उपाध्यक्ष एडवोकेट योगेंद्र दशोरा, अधिवक्ता परिषद राजस्थान की प्रदेश मंत्री एडवोकेट वंदना उदावत, समन्वयक महेंद्र ओझा, वरिष्ठ अधिवक्ता राजेंद्र सिंह राठौड़, एडवोकेट गोपाल पालीवाल सहित क्षत्रिय महासभा संस्था के चंद्रवीर सिंह करेलिया, क्षत्रिय समाज पदाधिकारीगण, सालवी समाज पदाधिकारीगण लालजी सालवी, श्री बजरंग सेना मेवाड प्रमुख कमलेंद्र सिंह पंवार, श्री राम सेना के एडवोकेट उमेश नागदा, सुखाड़िया विश्वविधालय पूर्व अध्यक्ष वीरेंद्र सिंह खींची, बीएन विश्व विद्यालय पूर्व अध्यक्ष सुरेंद्र सिंह पंवार, भाजयुमो उदयपुर ग्रामीण अध्यक्ष ललित सिंह सिसोदिया आदि शामिल थे।
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