उदयपुर । विश्व पर्यटन दिवस के अवसर पर जिला प्रशासन, जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग, माणिक्य लाल वर्मा आदिम जाति शोध संस्थान एवं पर्यटन विभाग के तत्वावधान में जिले के सुदूर आदिवासी अंचल कोटड़ा ब्लॉक में ‘आदि महोत्सव 2022 कोटड़ा’ का आगाज धूमधाम से हुआ। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
पर्यटन के क्षेत्र में विश्व पटल पर अपनी विशिष्ट पहचान रखने वाले उदयपुर में आयोजित यह आदि महोत्सव भारत की विविधता में एकता की विशेषता का साक्षी बना। इस महोत्सव में मेवाड़ की लोक संस्कृति के साथ भारत के विभिन्न क्षेत्रों से आए लोक कलाकारों ने अपनी प्रस्तुतियों से सभी को मंत्रमुग्ध किया। भारत के विभिन्न प्रांतों से आए लोक कलाकारों ने अपने पारंपरिक लोक वाद्य यंत्रों एवं अपने प्रदेश की पौराणिक कथाओं व संस्कृति पर आधारित कार्यक्रमों की प्रस्तुति से माहौल को रंगीन बना दिया।
इन क्षेत्रों से आए नृत्य कलाकारों ने दर्शकों को किया मंत्रमुग्ध
महोत्सव में देश के विभिन्न क्षेत्रों से आए कलाकारों ने अपने क्षेत्र की उत्सवी परम्पराओं और संस्कृति को समेटे नृत्यों की प्रस्तुतियां देकर उपस्थित दर्शकों को देश के गौरवशाली इतिहास का परिचय कराया। इस दौरान पश्चिम बंगाल के नटुआ नृत्य, ओडिशा के सिंगारी नृत्य, गुजरात के राठवा नृत्य, महाराष्ट्र के सोंगी मुखौवटे नृत्य तथा मध्यप्रदेश के गुटुम्ब बाजा नृत्य की प्रस्तुतियांें को दर्शक एकटक निहारते रह गए और भारतवर्ष की विभिन्न परम्परागत नृत्यशैलियों को देख स्वयं को गौरवान्वित महसूस किया। इस दौरान राजस्थान के पारंपरिक गैर नृत्य, घूमर नृत्य, स्वांग व भवई सहित आदिवासी व जनजाति क्षेत्रों के पारंपरिक कार्यक्रमों की प्रस्तुतियां भी दी गई।
कार्यक्रम में आए अतिथियों और मेहमानों का स्वागत सत्कार भारतीय संस्कृति के अनुसार तिलक लगाकर, माला पहनाकर व गुड़ खिलाकर किया गया। वहीं अतिथियों और मेहमानों के आगमन के दौरान मुख्य द्वार से दोनों तरफ देश के विभिन्न प्रांतों से आए कलाकारों ने अपने लोक संस्कृति का परिचय देते हुए अगवानी की। इस अवसर पर देशी-विदेशी पर्यटकों ने ठेठ देशी खाने यथा मक्का व बाजरे की रोटी, राबड़ी, साग आदि का जायका लिया और शुद्ध खाने का रसास्वादन कर रोमांचित हो उठे।
रंगायन का हुआ विमोचन
आदि महोत्सव में भारतीय लोक कला मंडल के सांस्कृतिक प्रकाशन रंगायन का विमोचन अतिथियों के हाथों किया गया। रंगायन के संपादक भारतीय लोक कला मंडल के निदेशक लईक हुसैन ने बताया कि आदि महोत्सव के उपलक्ष्य में रंगायन का जनजाति विशेषांक प्रकाशित किया गया है जिसमें देश भर की जनजाति कला संस्कृति की जानकारी दी गई है।
प्रदर्शनी के माध्यम से दी जनकल्याणकारी योजनाओं की जानकारी
महोत्सव के शुभारभ के अवसर पर विभिन्न विभागों द्वारा विभागीय उपलब्धियों व जनकल्याणकारी योजनाओं की जानकारी जन-जन तक पहुंचाने के उद्देश्य से राजकीय एकलव्य मॉडल रेजिडेंशियल स्कूल में प्रदर्शनी लगाई गई। पशुपालन विभाग द्वारा लगाई गई स्टॉल में गौवंश में फैल रही लंपी स्कीन बीमारी से बचाव व उपचार से संबंधी महत्वपूर्ण जानकारी लोगों को प्रदान की गई। इसी प्रकार चिकित्सा विभाग द्वारा चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना सहित अन्य योजनाओं, कृषि विभाग द्वारा सीताफल के उन्नत बीजों से आधुनिक तौर तरीके अपनाकर खेती करने की जानकारी प्रदान की गई। इसके अलावा राजीविका, महिला एवं बाल विकास, शिक्षा, ग्रामीण मदद काशी फाउंडेशन की जैविक खेती विषयक, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, आईसीआईसीआई आर्थिकी, वन विभाग सहित अन्य स्वयंसेवी संस्थाओं द्वारा लोककल्याण से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारियों को प्रदर्शित करते पम्फलेट, फ्लैक्स, बैनर, पोस्टर, मॉडल सामग्री आदि का प्रदर्शन व वितरण किया गया। इस अवसर पर सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग, जयपुर द्वारा प्रकाशित मासिक पत्रिका ‘सुजस’ सहित अन्य महत्वपूर्ण साहित्य का वितरण किया गया जो कि प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे युवाओं के लिए तथा आमजन के लिए भी उपलब्धिमूलक सिद्ध होगा।
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