उदयपुर। अब जनार्दनराय नागर राजस्थान विद्यापीठ से अब एक ही अकादमिक सत्र में दो डिग्री कर सकेंंगे। इसके सहित अन्य कई महत्ववपूर्ण निर्णय शनिवार को हुई बॉम की बैठक में लिए गए। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
जनार्दनराय नागर राजस्थान विद्यापीठ डीम्ड टू बी विश्वविद्यालय की बाॅम, रिसर्च बोर्ड एवं एकेडमिक कौन्सिल की बैठक शनिवार को प्रतापनगर स्थित कुलपति सचिवालय के सभागार में कुलपति प्रो. एस.एस. सारंगदेवोत की अध्यक्षता व बाॅम सदस्य व दिल्ली विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष डाॅ. योगानंद शास्त्री की सानिध्य में सम्पन्न हुई। प्रो. सारंगदेवोत ने बताया कि आगामी 7 फरवरी को होने वाले विशेष दीक्षांत समारोह में पद्श्री पुरस्कार से सम्मानित सुधीर कुमार को डी.लिट की उपाधि से नवाजा जायेगा।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुसार विद्यार्थी एक अकादमिक सत्र में दो डिग्री एक ही विश्वविद्यालय अथवा अन्य विवि से करने की अनुमति दी गई, लेकिन अध्यापन का समय अगल अलग रहेगा। प्रतापनगर परिसर में बने खेल मैदान का नाम प्रातः स्मरणीय महाराणा प्रताप खेल मैदान के नाम करने की स्वीकृति दी गई, जिसमें विराट महाराणा प्रताप की आदमकद प्रतिमा लगाई जायेगी जिसका शुभारंभ आगामी माह में देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह द्वारा किया जायेगा। बैठक में संस्थान द्वारा छात्रों के शैक्षणिक एवं फैकल्टीज के अकादमिक विकास के लिए देश, विदेश की विभिन्न संस्थान व विश्वविद्यालयों से किये गये एमओयू को स्वीकृति दी गई। इससे पहले गत 20 जनवरी को संपन्न एकेडमिक कौन्सिल और शनिवार 21 जनवरी को हुई वित्त समिति की बैठक के प्रस्तावों को सर्वसम्मति से स्वीकृति दी गई।
प्रतापनगर परिसर में बनेगा विशाल इंडोर स्टेडियम
प्रो. सारंगदेवोत ने बताया कि प्रतापनगर खेल मैदान को क्रिकेट के नोम्स के अनुसार बड़ा करने, दर्शक दीर्घा का विस्तार करने के साथ ही इंडोर स्टेडियम को बनाने की भी स्वीकृति दी गई। जिसमें बेडमिंटन कोर्ट, ओपन तरणताल के साथ श्रमजीवी महाविद्यालय परिसर में कम्प्यूटराईेज फायरिंग रेंज, संविधान पार्क बनाने का निर्णय किया गया। इस काम के लिए 15 करोड़ रुपए के बजट की स्वीकृति दी गई। खेल मैदान का नाम वीर शिरोमणी महाराणा प्रताप खेल मैदान के नाम से करने व प्रताप की आदमकद प्रतिमा लगाने का भी निर्णय किया गया। विद्यापीठ के तीनों परिसरों केा आगामी नेक विजिट के पहले अत्याधुनिक एवं सुसज्जित किये जाने के साथ ही सोलर सिस्टम से जोडा जायेगा
इन पाठ्यक्रमों को प्रारंभ करने की मिली स्वीकृति
प्रो. सारंगदेवोत ने बताया कि बैठक में नयी शिक्षा नीति 2020 को लागू करने के साथ ही, नयी शिक्षा नीति के अनुसार चार वर्षीय बीएसी ईन ईनवारमेंट स्टडीज, साहित्य संस्थान भवन में म्युजियम, स्कूल ऑफ़ एग्रीकल्चरल साईंसेस डबोक में एमएससी एग्रोनोमी, होर्टीकल्चर एवं प्लांट पैथोलाॅजी पाठ्यक्रम, फिजियोथेरेपी विभाग द्वारा वेल्यऐडेड शार्ट टर्म कोर्सेस जिसमें सोफ्ट स्कील डवलपमेंट, पर्सनाल्टी डवलपमेंट, स्टेटीकल्स एनालेसेस सिस्टम, ज्योतिष एवं वास्तु संस्थान में नित्यकर्म पूजा पद्धति एवं कर्मकांड पाठ्यक्रमों शुरू करने की स्वीकृति व नवीन पीएचडी धारकों को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग विनियम 2022 के अनुसार कराने की स्वीकृति दी गई जिसके अनुसार स्वयं-एनपीटीईएम के पाठ्यक्रय को पीएचडी शोधार्थियों के कोर्स वर्क के सिलेबस में सम्मिलित करने का निर्णय लिया गया।
बैठक में दीनदयाल उपाध्याय विवि गोरखपुर विवि उत्तर प्रदेश के कुलपति प्रो. राजेश सिंह, श्रीगोविन्द गुरू विवि गोधरा गुजरात के कुलपति प्रो. प्रताप सिंह चैहान, कोटा खुला विवि के कुलपति प्रो. कैलास सोडाणी, यूजीसी नोमीनी प्रो. संजय बयानी, ऑन लाईन जुडे़, कुल प्रमुख भंवर लाल गुर्जर, रजिस्ट्रार डाॅ. हेमशंकर दाधीच, पीजीडीन प्रो. जीएम माथुर, प्रो. गजेन्द्र माथुर, परीक्षा नियंत्रक डाॅ. पारस जैन, डाॅ. मनीष श्रीमाली, डाॅ. कला मुणेत, वित्त नियंत्रक डाॅ. हरीश शर्मा ने अपने सुझाव दिये।
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