टोंक। जिस खिलाड़ी ने कभी गली-मोहल्लों में हाथ में बैट लेकर परिजनों की डांट-फटकार खाने के बाद भी क्रिकेट के जुनून को कम नहीं होने दिया, वही टोंक निवासी बीस साल का नौजवान आज भारतीय क्रिकेट टीम में अपनी जगह बना चुका है। गली की क्रिकेट से टीम इंडिया तक पहुंचने वाला खलील अहमद अब राजस्थान की तरफ से टीम इंडिया के लिए खेलने वाला चौथा क्रिकेटर बन गया है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
खलील अहमद के टीम इंडिया में चयन की सूचना मिलते ही टोंक के खेल प्रेमियों में उत्साह देखा जा रहा है। सरकारी अस्पताल में कंपाउंडर खलील के पिता खुर्शीद अहमद का कहना है कि जब भी टीम इंडिया का मैच होता तो खलील टीवी में क्रिकेट मैच लगा कर रिमोट को इसलिए छिपा देता था कि कहीं उसके पिता या घर के दूसरे लोग चैनल बदल ना दें। वहीं खलील के स्थानीय कोच इम्तियाज खान का कहना है कि खलील को बचपन से ही क्रिकेट का जुनून था और टोंक जैसी छोटी सी जगह से वह काफी मेहनत करके टीम इंडिया तक पहुंचा है।
खलील अहमद का कहना है कि उनका बचपन से ही टीम इडिया में खेलने का सपना था और वह बचपन से लेकर अब तक टीम इडिया में खेलने के लिए जी तोड़ मेहनत कर रहा था। खलील ने कहा कि टीम में चयन की खबर मिलते ही सबसे पहले नमाज पढ़ कर ईश्वर का शुक्र अदा किया। खलील ने कहा कि वह भारतीय क्रिकेट टीम के धारदार तेज गेंदबाज जहीर खान को अपना रोल मॉडल मानते हैं।
उल्लेखनीय है कि जहीर की तरह ही खलील अहमद खुद भी खब्बू तेज गेंजबाज हैं, जो टोंक जिले की तंग गलियों से लेकर पवेलियन ग्राउन्ड में क्रिकेट के गुर सीख कर आज टीम इंडिया में चयन के बाद ऊंचे मुकाम तक पहुंचे हैं, साथ ही वह एक मध्यम परिवार से हैं।
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