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टोंक। जल संरचाओं की सफाई, जल उपयोग की मितव्यता, वर्षा जल संग्रहण, भू एवं सतही जल स्तर की बचत, पौधारोपण एवं स्वच्छता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से राज्य सरकार द्वारा गत 5 से 20 जून तक चलाए गए वंदे गंगा जल संरक्षण जन अभियान का शुक्रवार को जिला परिषद सभागार में समापन हुआ।
कार्यक्रम की मुख्य अतिथि जिला प्रमुख सरोज बंसल ने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा द्वारा 5 जून को शुरू किए गए इस अभियान में जल संरचाओं की साफ-सफाई, पौधारोपण को लेकर बेहतर कार्य किए गए है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य दैनिक जीवन में जल बचत को अपनाना है। उन्होंने कहा कि प्रकृति के लिए यह अभियान बहुत ही महत्वपूर्ण है और इसकी सुरक्षा हमारी जिम्मेदारी है। जिला प्रमुख ने कहा कि प्रकृति हमारे जीवन का मूल आधार है। हमारी सांसों से लेकर हमारे भोजन, पानी, ऊर्जा और स्वास्थ्य तक, सब प्रकृति से ही प्राप्त होता है। यदि प्रकृति नहीं है तो जीवन की कल्पना भी नहीं की जा सकती है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
वंदे गंगा जल संरक्षण जन अभियान के जिला संयोजक सतीश चंदेल ने कहा कि पर्यावरण हमारे जीवन का आधार है। मनुष्य जीवन के लिए जल बेहद जरूरी है। जल के बिना जीवन संभव नहीं है। इसलिए हमारा यह दायित्व है कि जल की एक-एक बूंद की महत्ता को समझे। हम सौभाग्यशाली है कि टोंक जिला पानी की दृष्टि से समृद्ध है। यहां बीसलपुर बांध तीन जिलों के लोगों की प्यास बुझा रहा है और इसी वर्ष से ईसरदा बांध से भी दौसा एवं सवाई माधोपुर जिले की ग्रामीण एवं शहरी आबादी को पीने का पानी मिल सकेगा।
समाजसेवी ओमप्रकाश गुप्ता ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा वंदे गंगा जल संरक्षण अभियान ने जल के प्रति लोगों को जागरूक किया है। हमें अपने प्राचीन तालाबांे, बावड़ियों, कुओं को बचाने की आवश्यकता है। हम उन्हें गंदा नहीं करें और उनकी साफ-सफाई के सामूहिक प्रयास करें। गुप्ता ने कहा कि सभी लोगों की यह जिम्मेदारी है कि अपने आसपास सार्वजनिक पार्कों की करें और सप्ताह में एक बार श्रमदान अवश्य करें।
सीईओ परशुराम धानका ने कहा कि गंगा हमारी पवित्र नदी है। इसे माँ का दर्जा दिया गया है। नदियों, बांधों, तालाबों, कुओं, बावड़ियांे एवं कुंडों की साफ-सफाई एक महत्वपूर्ण कार्य है इससे न केवल जल संरक्षण होता है कि बल्कि पर्यावरण, जैव विविधता और मानव स्वास्थ्य की भी रक्षा होती है। हमें इन्हें कूड़ा करकट डालकर गंदा नहीं करना चाहिए। इन जल स्त्रोतों को साफ रखने की जिम्मेदारी केवल सरकार की नहीं, हर नागरिक की है। अतिथियों ने आगुंतक महिलाओं को तुलसी के पौधे भेंट किए। साथ ही, सभी जल संरक्षण की शपथ दिलाई। मंच संचालन कवि प्रदीप पंवार ने किया।
समापन कार्यक्रम में जिला परिषद सदस्य लवेश मीणा, रमेश गढ़वाल, संजय संघी, अंजली गुप्ता, नीलिमा आमेरा, एसीईओ ललित कुमार, जल ग्रहण एवं भू संरक्षण विभाग के अधीक्षण अभियंता ओमप्रकाश देवनानी, महिला एवं बाल विकास विभाग की उपनिदेशक सरोज मीणा, पशुपालन विभाग के संयुक्त निदेशक डॉ. छोटू लाल बैरवा, कृषि विभाग के संयुक्त निदेशक वीरेंद्र सिंह सोलंकी समेत अन्य अधिकारी एवं बड़ी संख्या गणमान्य नागरिक मौजूद रहे।
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