टोंक। पांच बत्ती स्थित संत निरंकारी सत्संग भवन में रविवार को आध्यात्मिक सत्संग महात्मा रामदयाल निरंकारी के सान्निध्य में हुआ। महात्मा निरंकारी ने कहा कि इस जीवन का कोई भरोसा नहीं है, फिर भी क्यों हम अपना समय किसी से नफरत करने में व्यतीत करते है। मानव अपने अभिमान वश दूसरों को नीचा दिखाता है, जबकि मानवता की पहचान इन्सान को नीचा गिराना नहीं, बल्कि इन्सान को ऊपर उठाना है। मानवता को बनाए रखने के लिए सद्मार्ग पर चलना जरूरी है।
उन्होंने कहा कि इन्सान की जैसी संगति होती है उसी के अनुरूप उसका जीवन बनता है। इसलिए हर युग में सत्संग की महत्ता बताई गई है। सत्संग में आने से मानव में मानवीय गुणों का विस्तार होता है। इन्सान हैं तो जीवन में इन्सानियत भी बनी रहे, अगर हमारे जीवन में इन्सानियत ही नहीं रहेगी तो हम इन्सान कैसे कहलाएंगे। मीडिया सहायक सीताराम निरंकारी ने बताया कि सत्संग संचालन गणेश चावला ने किया। सत्संग में श्योजीराम, तेजराम, लड्डूराम, बनवारी एवं बहन रामप्यारी, शान्ति, शकुन्तला, सावित्री बजाज आदि संतजन सत्संग में उपस्थित थे।
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