टोंक। जिले में सोमवार को भाई-बहन के स्नेह त्यौहार रक्षा बंधन हर्षोल्लासपूर्वक मनाया गया वैसे तो इस दिन चन्द्रग्रहण होने के कारण निश्चित मुहूर्त ही राखी बांधने का था, लेकिन बहिन एवं भाई के बीच रक्षा सूत्र बांधने में न तो चन्द्रग्रहण आड़े आया, न ही मुहूर्त। बल्कि राखी बांधने का सिलसिला देर शाम तक चलता रहा। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
रक्षाबंधन को ध्यान में रखते हुए सुबह से ही बाजारों में राखी की दुकाने सज गई थी जहां ग्राहहों की भीड़ उमड पडी वहीं रात से ही बसों में यात्रियों का आना जाना शुरू हो गया था सुबह तो हालात यह हो गए कि बसों में पांव रखने तक की जगह नही मिली। बसों में सीटें मिलना तो दूर रहा खड़े होने की जगह तक नही थी जिसका कारण एकतो रक्षा बंधन के कारण महिला यात्रियों को फ्री यात्रा की सुविधा थी वहीं रक्षा बंधन होने के कारण बहिनों का अपने ससुराल के बाद अपने भाईयों के राखी बांधने के लिए पीहर जना था। वैसे तो रक्षा बंधन के दिन दोपहर से चन्द्रग्रहण का सूतक लगने के कारण राखी बांधने का समय दोपहर में काफी कम था उसके बावजूद बहिनो के भाईयों की कलाई पर राखी बांंधने में कोई उत्साह में कमी नही आई। बहिनें मुहूर्त की परवाह किये बिना देर रात तक अपने भाईयों की कलाई पर राखी बांधने से नही हिचकिचाई।
वहीं जेल में बन्द कैदियों के भी बहने गांव से अपने भाई की कलाई पर राखी बांधने पहुॅंंची, जिस दौरान कई बहिनों के तो आंसू छलक पडे वही भाई के राखी बांध करके जल्दी रिहाई की कामना की। आंखो में आंसू और हाथों में राखी के साथ चेहरे पर खुशी थी कि वह अपने भाईयो की कलाई पर राखी बांध सकी कुछ ऐसा ही नजारा दिखाई दे रहा था टोंक के जिला कारागृह में जहां दूर -दूर से बहिने जेल में बन्द अपने भाईयो कि कलाई पर रक्षासूत्र राखी बांधने आती है।
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