टोंक । घाड़ थाना क्षेत्र के गरोली गांव निवासी जोधराज कुमावत के ब्लाइंड मर्डर का रविवार को खुलासा कर थाना पुलिस ने मृतक के दो दोस्तों थाना खाटू श्यामजी जिला सीकर निवासी सपूत अली पुत्र लियाकत अली (24) व बाबू लाल नायक पुत्र तारा चंद (20) को गिरफ्तार किया है। हत्या में शामिल तीसरा मुख्य आरोपी कालू उर्फ रविंद्र गुर्जर निवासी गांव बाकोटी थाना खेतड़ी झुंझुनू की तलाश की जा रही है। जिन्होंने मात्र दोस्त की थार जीप पाने के लिए उसकी निर्मम तरीके से हत्या कर दी और शव एक गहरे कुएं में फेंक दिया। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
टोंक एसपी ओमप्रकाश ने बताया कि 1 नवंबर को गरौली गांव निवासी बाबू लाल कुमावत ने अपने बेटे जोधराज के गुम होने की रिपोर्ट थाना घाड़ में दर्ज कराई थी। जिसकी तलाश के दौरान 1 महीने बाद संदेह के आधार पर परिजनों ने अपहरण की रिपोर्ट दी। इस पर जोधराज की तलाश के लिए अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक राकेश कुमार के निर्देशन व सीओ देवली दीपक कुमार के नेतृत्व में एक विशेष टीम गठित की गई। तलाश के दौरान गठित टीम के एसआई भंवर लाल व एएसआई रमेश चंद्र की टीम ने दो आरोपी सपूत अली व बाबूलाल को गिरफ्तार कर लिया। जिन्होंने पूछताछ में अपने तीसरे साथी कालू गुर्जर के साथ मिलकर जोधराज की हत्या कर उसकी थार जीप व मोबाइल लूटने की बात स्वीकार की है।
पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि 28 अक्टूबर को तीनों ने मिलकर जोधराज की हत्या कर थार जीप को छीन कर बेचने का प्लान बनाया। इन दोस्तो के कहने पर 29 अक्टूबर को पिता से जीप लेकर जोधराज घर से रवाना हुआ। जयपुर से पहले शिवदास पूरा टोल प्लाजा पर जोधराज को कालू उर्फ रविन्द्र व बाबू लाल मिले। तीनो जीप से बैठ कर पावटा गये। जहां से सपूत अली भी उनके साथ हो लिया।
वहां से खेतड़ी रोड़ पर डाबला गांव से शराब लेकर चलती गाड़ी में चारों ने शराब पी, तीनो ने जोधराज को ज्यादा शराब पिलाई। रात करीब 11.30 बजे रास्ते मे एक होटल में खाना खाया। जहां तीनों ने जोधराज को मारने के लिए स्थान तय किया। शराब के अधिक नशे में होने के कारण जोधराज जीप में लेट गया। तीनो उसे लेकर खेतड़ी के पास बिलवा बाकोटी रोड पर स्थित एक निर्जन कुए के पास ले गए। जहां लात-घूंसों से मारपीट कर गला दबा कर हत्या कर कुंए में फेंक दिया। हत्या के बाद पास ही स्थित रविन्द्र उर्फ कालू गुर्जर के गांव बाकोटी जाकर सो गए।
दूसरे दिन सुबह तीनों थार जीप से हरियाणा गए और मृतक से लूटा हुआ मोबाइल छोटे कस्बे के दुकानदार को 3000 में बेच दिया। मिले पैसों से डीजल भरवा कर हरियाणा में कई जगह जीप बेचने की कोशिश की। नहीं बिकने पर 31 अक्टूबर को थाना खेतड़ी के बबाई इलाके में स्थित जंगल में जीप को छोड़ कर चले गए। वहां से कालू अपने रिश्तेदारी में चला गया। सपूत अली और बाबूलाल नायक रींगस आकर मुंबई चले गए। मुंबई से यह दोनों करीब 7-8 दिन में वापस आ कर अलग-अलग छुपते रहे।
एमपीआर दर्ज होने के बाद गठित टीम ने जोधराज की तलाश हेतु तकनीकी सहायता व गोपनीय जानकारी इकट्ठा की। अनुसंधान में संदिग्ध व्यक्ति सामने आने पर विशेष टीम को संदिग्धों एवं जोधराज व उसकी जीप की तलाश हेतू रवाना किया गया। टीम ने अपने संपर्क सूत्रों के जरिए सन्दिग्ध बाबूलाल नायक व सपूत अली को दस्तयाब कर लिया।
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