टोंक । मातृ एवं शिशु कल्याण केन्द्र में संचालित आंचल मदर मिल्क बैंक से ऐसे बच्चो जिनकी माता किसी कारणवश दूध नही पिला सकती उन बच्च्चों को अब माता का दूध मिल सकेंगा। इसकी शुरुआत गुरुवार को राज्य सरकार की मदर मिल्क बैंक योजना के राज्य समन्वयक योग गुरु देवेन्द्र अग्रवाल, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. जीएल मीणा एवं सआदत हॉस्पिटल के प्रमुख चिकित्साधिकारी डॉ.जेपी सालोदिया ने मातृृ एवं शिशु कल्याण केन्द्र में भर्ती दो नवजात बच्चों को आंचल मदर मिल्क बैंक से माता का दूध उपलब्ध कराया। राज्य सरकार की मदर मिल्क बैंक योजना के राज्य समन्वयक योग गुरु देवेन्द्र अग्रवाल ने कहा कि अब शिशु मृत्यु दर में करीबन बाइस फीसदी कमी आएगी। इतना ही नहीं आंचल मदर मिल्क बैंक से नवजात बच्चों कोदिए जाने वाले दूध से बच्चों में चालीस प्रतिशत की ताकत मिल सकेंगी।
मातृ एवं शिशु कल्याण केन्द्र में संचालित आंचल मदर मिल्क बैंक का गुरुवार को निरीक्षण करने पहुंचे राज्य सरकार की मदर मिल्क बैंक योजना के राज्य समन्वयक योग गुरु सुरेन्द्र अग्रवाल ने आंचल मदर मिल्क बैंक के रिकार्ड की जांच की। साथ ही मदर मिल्क बैंक की टीम की सराहना की। उन्होंने आंचल मदरमिल्क बैंक की उपलब्धियों का जिक्र करते हुए बताया कि 82 माताओं ने 12 हजार 645 एमएल दूध एक माह में दान किया हैं, जिनमें से 37 माताएं ऐसी हैं जो मातृ एवं शिशु कल्याण केन्द्र टोंक से अलग हैं जो टोंक शहर की ऐसी माताएं हैं जिन्होंने स्वेच्छा से आंचल मदर मिल्क बैंक पहुंचकर दूध दान किया हैं। उन्होंने बताया कि अब तक माताओं के दूध का सत्रह बार परीक्षण किया गया। इसमें पन्द्रह बार सफलता मिली हैं। इतना ही नही 522 माताओं की अब तक काउंसिलिंग की गई।
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