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विश्व रेडक्रॉस दिवस : रेडक्रॉस सोसायटी सेवा कर रही है- मानवता के पक्ष में

World Red Cross Day: Red Cross Society is serving – in favor of humanity - Sri Ganganagar News in Hindi

विश्व के समाज सेवी संगठनों में रेडक्रॉस सोसायटी का प्रमुख नाम है। ये संगठन विश्व में 162 वर्ष से काम कर रहा है। भारत में पिछले 105 वर्ष से कार्यरत है। युद्ध व युद्धकालीन परिस्थितियों में घायलों और प्रताड़ित लोगों को राहत देकर रेडक्रॉस मानव सेवा की मिसाल कायम कर रही है। इस वर्ष रेडक्रॉस सोसायटी का स्थापना दिवस ‘मानवता के पक्ष में’ (On the Side of Humanity) की थीम पर मनाया जाएगा। रेडक्रॉस की स्थापना प्रथम नोबेल शांति पुरस्कार विजेता स्विस व्यवसायी जींस हेनरी ड्यूनेट ने युद्द की दुखांतिका से प्रभावित होकर की थी। जींस हेनरी का जन्म 8 मई 1828 को हुआ था। इनकी याद में वर्ष 1948 से लगातार प्रत्येक वर्ष 8 मई को विश्व रेडक्रॉस दिवस मनाया जाता है। हेनरी ड्यूनेट ने इटली में सॉल्फेरिनो का युद्ध देखा।
सॉल्फेरिनो के युद्ध में एक ही दिन में 40 हजार से ज्यादा सैनिकों की मौत हो गई थी और भारी तादाद में सैनिक घायल हुए। उस समय किसी भी सेना के पास घायल सैनिकों की देखभाल के लिए मेडिकल कोर जैसी कोई व्यवस्था उपलब्ध नहीं थी। युद्ध में रक्तपात देखकर ड्यूनेंट द्रवित हो गए। उन्होंने स्वंयसेवकों के समूह का गठन किया। इस समूह में जो लोग शामिल थे, वह युद्ध में घायल हुए जवानों तक भोजन और पानी पहुंचाने लगे। वह घायल सैनिकों का उपचार करते रहे। साथ ही, सैनिकों के परिजनों को पत्र लिखकर उनका हाल भी बताते थे।
यह युद्ध कितना भयावह था, इसकी जानकारी ड्यूनेट की लिखी ‘ए मेमोरी ऑफ सॉल्फेरिनो’ नामक किताब से मिलती है। यह किताब ड्यूनेट ने युद्ध के तीन साल बाद लिखी थी। उन्होंने किताब में वर्णन किया कि किस प्रकार वह सैनिक कराह रहे थे, जिनके अंग भंग हो गए थे। उन्हें कोई संभालने वाला नहीं था और उन्हें जिंदा ही मरने के लिए छोड़ दिया गया था। ड्यूनेट ने किताब में सुझाव दिया कि युद्ध में घायल लोगों के उपचार के लिए एक स्थाई अंतरराष्ट्रीय सोसायटी की स्थापना की जाए। यह सोसायटी ऐसी हो, जो किसी देश की नागरिकता के आधार पर काम करने के बजाय मानवीय आधार पर काम करे।
स्विटजरलैंड में 5 सदस्यीय कमेटी से शुरूआत, जेनेवाला सम्मेलन में नींव रखीः
ड्यूनेट के सुझाव के अनुसार जिनेवा पब्लिक वेल्फेयर सोसायटी ने फरवरी 1863 में एक कमेटी बनाई। इसमें स्विटजरलैंड के पांच नागरिकों को शामिल किया। कमेटी को हेनरी ड्यूनेंट के सुझावों पर काम करने की रूपरेखा बनाने का काम सौंपा गया। इस कमेटी की सिफारिश पर अक्टूबर 1863 में जेनेवा में करवाए अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में 16 देशों के प्रतिनिधियों की मौजूदगी में कई प्रस्तावों और सिद्धांतों को अपनाया गया।
विभिन्न देशों के प्रतिनिधियों ने ऐसे स्वैच्छिक संगठन की स्थापना का एकमत होकर समर्थन किया, जो प्रत्येक युद्ध में बीमार और जख्मी लोगों की सार-संभाल करे। चाहे वह किसी भी देश के क्यों न हों। इसी सम्मेलन में रेडक्रॉस के आधारभूत सिदाँत तय किए गए। प्रस्ताव में ये भी था कि रेडक्रॉस की भावना को बढ़ावा देने, आहत सैनिकों और युद्ध के अन्य पीडि़तों की सहायता करने के लिए सभी देशों में राष्ट्रीय समितियों का गठन किया जाए। इस प्रकार रेडक्रॉस सोसायटी की नींव पड़ी।
सात मौलिक सिद्धांतों पर कामः
आज रेडक्रॉस एक अंतरराष्ट्रीय संगठन है, जो सात मौलिक सिद्धांतों मानवता, निष्पक्षता, तटस्थता, स्वतंत्रता, स्वैच्छिक सेवा, एकता और सार्वभौमिकता का प्रतीक है। इस संगठन का उदेश्य मानवीय जिंदगी व सेहत को बचाना है। रेडक्रॉस सोसायटी का नाम पूरी दुनिया में दीन-दुखियों, जरूरतमंदों तथा पीडि़तों की सहायता के लिए अग्रणी संगठनों में लिया जाता है। इनके तीन मुख्य अंग है -मुस्लिम देशों में इनको रेड क्रिसेंट और ईरान में रेड लॉयन एंड सन के नाम से जाना जाता है - इंटरनेशनल रेडक्रॉस और रेडक्रीसेंट मूवमेंट दुनिया भर में लगभग 97 मिलियन स्वयंसेवकों, सदस्यों और कर्मचारियों के साथ एक मानवीय आंदोलन है, जिसे मानव जीवन और स्वास्थ्य की रक्षा के लिए सभी मनुष्यों के लिए सम्मान सुनिश्चित करने और मानव पीड़ा को रोकने और कम करने के लिए स्थापित किया गया था। यह संगठन शांति और युद्ध के समय दुनिया भर के विभिन्न देशों की सरकारों के बीच समन्वय का कार्य करता है, यह बीमारी, महामारी जैसी प्राकृतिक आपदा में पीडि़तों की सहायता करता है, इसका मुख्य कार्य मानव सेवा है।
भारत में 1920 में अस्तित्व में आई रेडक्रॉस सोसायटीः
भारत में इंडियन रेडक्रॉस सोसायटी की स्थापना 1920 में भारतीय रेडक्रॉस सोसायटी अधिनियम के तहत की गई। इस अधिनियम को 1992 में संसोधित किया गया और 1994 में नियम बनाए गए। वर्ष 2009 में यूनीफार्म रूल्स, 2009 लागू किये गए, जिसके अंतर्गत जिला शाखाओं का गठन किया जाता है। शुरुआत में रेडक्रॉस सोसायटी का नाम इंटरनेशनल कमेटी फॉर रिलीज टू द वांटेड था, जिसे बाद में परिवर्तित करके रेडक्रॉस सोसायटी इन इंडिया किया गया।
इंडियन रेडक्रॉस सोसायटी भारत में स्थित मानव जीवन और स्वास्थ्य की रक्षा के लिए एक स्वैच्छिक मानवीय संगठन है। हाल में कोरोना महामारी के दौरान जब लोग बहुत बुरे दौर से गुजर रहे थे, तो रेडक्रॉस सोसायटी ने अहम भूमिका निभाई। संस्था से जुड़े लोग दुनिया भर में जरूरतमंद लोगों की सेवा कर रहे हैं, साथ ही लोगों को मास्क, दस्ताने, सैनिटाइजर या रक्त जैसी आवश्यकताओं को अपने स्तर पर पूर्ण कर रहे हैं।
रेडक्रॉस बच्चों और युवायो को कौशल और आत्मविश्वास विकसित करने में मदद करने के लिए युवा तैयारी पाठयक्रम और फर्स्ट एड ट्रेनिंग प्रदान करता है। इस संगठन का एक गौरवशाली इतिहास है, जो भविष्य के लिए दयालुता से काम करने की आवश्यकता प्रतिपादित करता है। रेडक्रॉस दिवस एक ऐसा अवसर पर है, जो लोगों को मानवता के पक्ष मे स्वयंसेवी कार्य करने के लिए प्रेरित एवं प्रोत्साहित करता है।

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Web Title-World Red Cross Day: Red Cross Society is serving – in favor of humanity
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