श्रीगंगानगर। शहर के मुख्य मार्गों व चौराहों पर यातायात व्यवस्था सुचारु बनाए रखने के लिए नगरपरिषद की ओर से लाखों रुपए खर्च कर लगवाई गईं ट्रैफिक लाइटें कोई काम नहीं आ रही हैं। काफी समय से बंद पड़ी लाइट को शुरू करने के लिए एक माह पहले प्रयास हुए, लेकिन टाइम सेट नहीं होने से उपयोग नहीं हो पा रहा है। इस मामले को लेकर बैठकों में जिला कलक्टर की ओर से कई बार नगरपरिषद अधिकारियों को ट्रैफिक लाइटें सही कराने व नहीं करने पर कंपनी के खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश दिए जा चुके हैं फिर भी न तो लाइटें ठीक हुईं और न ही कंपनी के खिलाफ कोई कार्रवाई की गई है।
पिछले दिनों कलक्ट्रेट में हुई यातायात सलाहकार समिति की बैठक में जिला कलेक्टर ने नगरपरिषद आयुक्त को ट्रैफिक लाइटें चालू कराने के निर्देश दिए थे। इसके बाद परिषद की ओर से दिल्ली की कंपनी माइक्रोट्रांस इंफ्राटेक प्रा. लि. को नोटिस दिया गया। यही नहीं संभागीय आयुक्त की बैठक में भी यह मामला उठा। पिछले माह श्रीगंगानगर पहुंचे कंपनी के कार्मिकों ने ट्रैफिक लाइटों को सही करने के लिए कवायद की। कंपनी के लोगों ने लाइटों को चालू तो कर दिया, लेकिन टाइम सेट नहीं कर पाए। इसके चलते लाइटों का सही होना कोई काम नहीं आया। इसके बाद भी जिला कलेक्टर ने बैठकों में दो बार नगरपरिषद आयुक्त को लाइटें चालू कराने के निर्देश दिए। जिला कलेक्टर ने कहा था कि यदि कंपनी शीघ्र लाइटें सही नहीं करती है तो उसके खिलाफ पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराई जाए।
यातायात पुलिसकर्मियों का कहना है कि जहां लाइटें चालू की गई हैं, उनका समय सेट नहीं है। इसके चलते वहां जाम की स्थिति बन जाती थी और वाहनों का जमावड़ा हो जाता था। इस कारण से लाइटों से कुछ चौराहोंं पर कुछ दिन ट्रैफिक चलाया, लेकिन बाद में यह बंद कर दिया गया।
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