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श्रीगंगानगर। रामदेव कॉलोनी से आठ जनवरी को किडनैप किए गए रुद्र के अपहरण की घटना ने सबको चौंका दिया है। किडनैपर्स ने रुद्र को श्रीगंगानगर जिले के पंजाब के उस्मान खेड़ा और गुमजाल की रोही में ले जाकर सड़क किनारे रोकी मोटरसाइकिल पर उसका वीडियो बनाया। इसके बाद वे वीडियो को बच्चे के पड़ोस में एक जिम संचालक को भेजते हैं, ताकि फिरौती के लिए दबाव डाला जा सके। जिम संचालक से उन्होंने बच्चे के परिजनों के संपर्क नंबर लिए थे।
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प्लानिंग में थे पांच दिन : चंडीगढ़ के ऐशो-आराम से प्रभावित
आरोपियों दीपक कुमार और निखित उर्फ लक्की ने इस किडनैपिंग के लिए पांच दिन की योजना बनाई। चंडीगढ़ में रहकर उनकी जीवनशैली देखकर उन्होंने भी जल्द पैसा कमाने का तरीका ढूंढा। इसके लिए किडनैपिंग का खौ़फनाक रास्ता चुना। तीन से पांच जनवरी तक शहर के विभिन्न हिस्सों में रैकी करने के बाद उन्होंने 6 जनवरी को रुद्र को देखा और उसे किडनैप करने की योजना बनाई।
किडनैपिंग के पीछे की सच्चाई : ऐशो-आराम की चाहत और चोरी की सिम
दीपक और लक्की का सपना था एक शानदार जीवन जीने का, लेकिन पैसे की कमी उनके रास्ते में आ रही थी। इसलिए उन्होंने अपराध की दुनिया को चुना। दीपक की मोटरसाइकिल और लक्की के मोबाइल रिपेयरिंग ज्ञान ने इस पूरे अपराध को अंजाम देने में मदद की। उन्होंने एक गोलगप्पे वाले से मोबाइल की सिम चुराई और उसका डाटा इस्तेमाल कर फिरौती के लिए कॉल किया।
इस मामले में आरोपी फिलहाल ज्यूडिशल कस्टडी में हैं और जांच जारी है। पुलिस के अनुसार, मामले में किसी महिला की भूमिका का खुलासा होना बाकी है।
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