श्रीगंगानगर। जिला विधिक सेवा प्राधीकरण श्रीगंगानगर की ओर से विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन ग्राम पंचायत खाटलबाना के अटल सेवा केन्द्र में किया गया। शिविर में विभिन्न प्रकार के कानूनों की जानकारी दी गई। आयोजित शिविर में बाल विवाह के दुष्प्रभाव व रोकथाम के बारे बताने के साथ ही नशे के दुष्प्रभाव के बारे में बताया गया। इस दौरान वक्ताओं ने कहा कि नशा एक सामाजिक बुराई है,इससे भी आमजन को दूर रहना चाहिए। नशे से मुक्ति के लिए नशा जन जाग्रति कार्यशाला का आयोजन किया जाता है। शिविर में महिला उत्थान के तहत कन्या भ्रूण हत्या नहीं करने तथा अपराध करने पर सजा व आर्थिक प्रावधानों की जानकारी दी। उन्होंने दहेज प्रथा के बारे में बताते हुए कहा कि दहेज भी एक सामाजिक अपराध है, इसको रोकने के लिए दहेज निषेध अधिनियम 1961 के अनुसार दहेज लेने, देने या इसके लेन-देन में सहयोग करने पर 5 वर्ष की कैद और 15 हजार रुपए के जुर्माने का प्रावधान है। उन्होंने 8 अप्र्रेल 2017 को आयोजित होने वाली राष्ट्रीय लोक अदालत के बारे में जानकारी दी तथा बताया कि कोई भी परिवादी आयोजित होने वाली लोक अदालत में अपनी समस्या को रख सकता है एवं उसका समाधान करवा सकता है तथा लम्बित प्रकरणों का आपसी राजीनामे के आधार पर निपटारा करवा सकता है। आयोजित शिविर में विशिष्ट न्यायाधीश हारून, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के पूर्णकालिक सचिव धनपत माली, एसीजीएम इन्दु उज्जवल उपस्थित थी।
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