श्रीगंगानगर। अंतरराष्ट्रीय सीमा से सटे श्रीगंगानगर जिले के किसानों पर एक बार फिर कुदरत की मार पड़ी है। जिले में अचानक हुई ओलावृष्टि व बारिश से रबी फसल को भारी नुकसान हुआ है। सीमा पर बैठे इन किसानों के साथ कुदरत की एकाएक ऐसी मार पड़ी की बेबस किसान अपनी फसल आँखों से बर्बाद होते देख खून के आंसू रोने को मजबूर है। हालांकि ओलावृष्टि में हुए नुकसान का जिला प्रशासन ने सर्वे करके रिपोर्ट बनाने के आदेश दिए है। बेमौसम बारिश व तेज ओलावृष्टि ने श्रीगंगानगर जिले के किसानो की रबी फसलों को नष्ट कर दिया है। कुदरत के इस कहर ने जिले के हजारों किसानोंं की कमर तोड़ दी है और किसान अब बर्बाद हुई फसल को देखकर खून के आंसू रो रहे है। जिले की लगभग दस पंचायतो में ओलावृष्टि से बहुत बड़ा नुकसान किसानों को हुआ है। सरसों, गेंहू, जौं की फशल कई जगह सत प्रतिशत चौपट हो गई तो कुछ जगहों पर 70 से 90 फीसदी तक नुकसान हुआ है। गेंहू तथा जौ की तैयार फसल में अचानक हुई ओलावृष्टि की सफेद चादर ने मानो अपने आगोस में समेट लिया है। जिले के बॉर्डर एरिया में ओलावृष्टि से 90 प्रतिशत फसलें तबाह हो गई है. वहीं कुदरत के इस कहर में तैयार हुई फसलें पूरी तरह से नष्ट होने से किसानों के सामने कोई उम्मीद की किरण दिखाई नहीं दे रही है। जिले में अंतरराष्ट्रीय सीमा के लगते खेतो में किसानो पर ओलावृष्टि कहर बनकर टूटी है। खेतों में पसरी गेंहू और जौ की फसल तथा मिटटी में मिल चुके सरसों के दानों के पसरे मंजर को देखकर पूरी तरह से किसान टूट गए है। ओलावृष्टि से प्रभावित सीमावर्ती गांवो का दौरा जिला कलेक्टर ज्ञानाराम के साथ तमाम प्रशासनिक अधिकारियो व मंत्री सुरेन्द्रपाल टीटी ने किया तो उन्हें नुकसान का अंदाजा साफ लग गया और अब वे सरकार से किसानों को मदद दिलाने की बात कह रहे है। फिर भले ही पिछले साल हुई ओलावृष्टि का मुहावजा मंत्रीजी इन किसानों को आज तक नही दिला पाए हो, रबी का सीजन चरम पर है लेकिन क्षेत्र में दो दिन से बिगड़े मौसम ने देकर लेने वाली बात कर दी है।
मुख्तार अंसारी की मौत : पूर्वांचल के चार जिलों में अलर्ट, बांदा में भी बढ़ी सुरक्षा, जेल में अचानक बिगड़ी थी तबीयत
हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष मीरवाइज उमर फारूक कश्मीर में नजरबंद
शराब घोटाला मामला: एक अप्रैल तक ईडी की हिरासत में केजरीवाल
Daily Horoscope