श्रीगंगानगर। साध्वी बलात्कार मामले में गुरमीत राम रहीम सिंह के जेल जाने के बाद उनके पैतृक गांव गुरुसरमोडिया में कोई कुछ बोलने को तैयार नहीं है। सारे गांव में सन्नाटा छाया हुआ है। इस मामले में राम रहीम को 20 साल की कैद हो गई है। गांव के लोग चुप है। आलीशान महलनुमा घर के दरवाजे आम लोगों के लिए बंद हो चुके हैं। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
राजस्थान में श्रीगंगानगर से सूरतगढ रोड पर
करीब 42 किलोमीटर दूर स्थित गांव गुरुसर मोडिया में राम रहीम के दो घर हैं।
पुराना घर गांव के बीचों-बीच है और नया महलनुमा घर गांव की ढाणी में है।
ढाणी में यह उसका अकेला ही आलीशान घर है।गांव में जगह-जगह पर पुलिस और अर्द्ध सैनिक बलों
के जवान तैनात नजर आए। ये जवान हर बाहर से आने वाले व्यक्ति की गहनता से
जांच पड़ताल करते हैं। कुछ जवान 24 अगस्त को तैनात किए गए थे, जबकि बाकी
राम रहीम को सजा सुनाए जाने के बाद लगाए गए। मंगलवार को राम रहीम की पत्नी
हरजीत कौर और मां नसीब कौर के महलनुमा घर में पहुंचने के बाद सुरक्षा और
बढ़ा दी गई है। मीडियाकर्मियों के यहां
पर बैठे दो लोगों ने बस इतना ही कहा कि वह कुछ नहीं कहना चाहते।शाह
सतनाम जी गर्ल्स स्कूल और कॉलेज में भी न कोई स्टाफ और न ही छात्राएं कुछ
बोलने को तैयार हुईं। बार-बार पूछने पर उन्होंने झल्लाकर कहा कि कुछ नहीं कहना। गांव की गली में खड़े एक व्यक्ति ने भी बस यही कहा कि अदालत ने
जो फैसला किया है वो तो मानना ही पड़ेगा। टीम ने महलनुमा घर में जाने की कोशिश
की। आलीशान घर से काफी दूरी पर बने हुए पहले गेट पर ही पुलिसकर्मियों ने
रास्ता रोक लिया और कहा कि किसी को अंदर जाने की इजाजत नहीं है। इसके बाद
अंदर से दरवाजे बंद कर दिए गए।
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