न्यायाधीश ने कहा कि वे 5 वर्ष पहले भी पावापुरी आए थे, लेकिन आज आने पर
लगा कि तीर्थ निर्माता केपी संघवी परिवार आज भी इसका संचालन बखूबी कर रहे
हैं और साफ-सफाई, प्रबंधन एवं अन्य व्यवस्थाओं को अभी भी उच्चस्तरीय बनाए
रखा हैं। ये भी पढ़ें - यहां पकौडे और चटनी के नाम रामायण के किरदारों पर
तीर्थ ट्रस्ट की ओर से मैनेजिंग ट्रस्टी महावीर जैन ने
तीर्थ की 18 वर्षों की प्रगति एवं व्यवस्थाओं की जानकारी देते हुए
न्यायाधीश को मेवाड़ी पगड़ी पहनाकर एवं तिलक लगाकर अभिनंदन किया।
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