सीकर। सीकर में मिट्टी के नीचे दबने से 4 बच्चों की मौत के बाद जिला कलेक्टर नरेश ठकराल ने भी घटनास्थल का जायजा लिया। इसके बाद कलेक्टर सीधे मृतक बच्चों के परिजनों के घर पहुंचे। इस दौरान कलेक्टर नरेश ठकराल ने मृतक के परिजनों को ढंाढस बंधाया। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
बच्चों की मौत के बाद कलेक्टर ने स्थानीय ग्रामीणों से भी बातचीत की। इस दौरान ग्रामीणों ने पीड़ित परिवारों के लिए आर्थिक सहायता राशि की मांग की। ग्रामीणों की मांग पर कलेक्टर नरेश ठकराल ने मृतक के परिजनों को 50 हजार रूपये की आर्थिक सहायता राशि देने की घोषणा की। यह सहायता राशि मुख्यमंत्री सहायता कोष से दी जाएगी। साथ ही कलेक्टर ने इस पूरे मामले की जांच किए जाने के संबधित अधिकारियों को आदेश जारी किए।
इस दौरान कलेक्टर ने पूरे मामले को गंभीरता लेते हुए कहा कि 10 दिनों में घटना की पूरी जांच की जाएगी। यह जांच दो अलग-अलग स्तरों पर होगी। संपूर्ण विकास कार्यों की पहली जांच अतिरिक्त जिला कलेक्टर जयप्रकाश करेंगे। दूसरी जांच अधीक्षण अभियंता सार्वजनिक निर्माण विभाग के अधिकारी करेंगे। मिट्टी खुदाई को लेकर सार्वजनिक निर्माण विभाग यह जांच करेगा।
उधर कलेक्टर ने ग्रामीणों से मुलाकात की तो उन्होंने बताया कि घटना के बाद बच्चों को बचाया जा सकता था। लेकिन कच्ची बस्ती में किसी के पास भी पुलिस प्रशासन के नंबर नहीं है। ग्रामीणों की ओर से पुलिस-प्रशासन को फोन किया जाता, लेकिन पूरे इलाके में कहीं भी बोर्ड नहीं लगा हुआ है। इसके चलते समय पर पुलिस को सूचना नहीं मिली। अगर पुलिस प्रशासन को समय पर सूचना मिलती तो बच्चों को बचाया जा सकता था। ग्रामीणों ने शिकायत करते हुए कहा कि कच्ची बस्तियों में बीट कांस्टेबल व संबंधित थानों के नंबर लिखे जाने चाहिए। घटना के बाद कलेक्टर सभी को यह व्यवस्था लागू किए जाने का आश्वासन दिया।
आपको बता दें कि बीड़ के बालाजी इलाके में वन विभाग की ओर से खुदाई कर मिटटी की खाई खोदी गई थी। इस खाई में मिटटी ढहने से चार मासूम बच्चों की मौत हो गई थी। वन विभाग की लापरवाही के चलते बच्चों की जान चली गई।
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