सवाई माधोपुर। रणथंभौर अभयारण्य के हिस्से कैलादेवी सेंचूरी के मंडरायल में उस समय खुशी की लहर छा गई जब यह पता चला कि बाघिन टी-92 ने शावकों को जन्म दिया है। बाघिन टी-92 के साथ दो शावक देखे जाने के बाद विभाग में खुशी की लहर है। यह पहला मौका है जब कैलादेवी अभयारण्य में बाघिन ने शावकों को जन्म दिया है। आपको बता दें कि रणथंभौर अभयारण्य की बाघिन टी 92, टी 11 की बेटी है। इसका जन्म रणथंभौर अभयारण्य के भिड वन क्षेत्र में हुआ था। यह बाघिन करीब साढ़े चार साल की है। इन शावकों का पिता टी-72 सुल्तान को माना जा रहा है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
बाघिन टी-92 और शावकों की तस्वीर कैमरे में कैद होने के बाद इसका पता चला। वन विभाग के अनुसार शावकों की उम्र करीब साढ़े तीन माह बताई जा रही है।
आपको बता दें कि रणथंभौर अभयारण्य में वन विभाग ने सीसीएफ वाईके साहू के प्रयासों से गांवों में विलेज वाइल्ड लाइफ वॉलेंटियरों की टीम तैनात की है। वॉलेंटियरों की टीम ने ही मंडरायल में इस बाघिन के साथ दो शावकों की सूचना विभाग के अधिकारियों को दी। प्रदेश की वाइल्ड लाइफ कमेटी के सदस्य धर्मेंद्र खांडल ने टीम के साथ मंडरायल जाकर बाघिन की निगरानी की।
सीसीएफ वाई के साहू का कहना है कि यह खुशी की बात है कि इस बाघिन ने मंडरायल में शावकों को जन्म दिया है। विभाग की टीम इस बाघिन एवं शावकों पर निगरानी रखेगी।
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