सवाई माधोपुर/जयपुर। राजस्थान के सवाई माधोपुर जिले के मलारना डूंगर थाना क्षेत्र के लालसोट- कोटा मेगा हाईवे स्थित बनास नदी के पुल पर शनिवार सुबह साढ़े सात बजे हुआ हादसा एक कंडक्टर को ड्राइविंग सिखाने के कारण हुआ। ऐसा बस में सवार घायलों ने बताया। वहीं दूसरे घायल ने बताया कि ड्राइवर और कंडक्टर आपस में उलझ रहे थे। कंडक्टर, ड्राइवर से कह रहा था कि तू नशे में है, बस मैं चलाऊंगा। इसके बाद कंडक्टर ने ऐसे बस चलाई कि 33 जिंदगियां काल के गाल में समां गईं। ड्राइवर पहले भी कंडक्टर को बस चलाना सिखाया करता था। लेकिन इस बार एसी सिखाई कि....। बस कंडक्टर के नाबालिग होने की बातें भी सामने आ रही हैं। लेकिन पुलिस, डीटीओ अन्य बस संचालकों ने इसकी पुष्टि नही की है। इस मामले में परिवहन मंत्री यूनुस खान का कहना है कि कंडक्टर बस नहीं चला रहा था, वह तो विकलांग है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
बहरहाल, मामले की जांच के बाद ही स्थिति और क्लीयर हो पाएगी। लेकिन बस में सवाल रहे घायलों यात्रियों के मुताबिक बस कंडक्टर चला रहा था। वह ड्राइवर से पहले भी बस चलाने की ट्रेनिंग ले चुका है। जब बस बनास पुल से निकली तब तेज गति और ओवरटेक करने के कारण बस पुल की रैलिंग तोड़ते हुए 100 फुट नीचे बनास नदी में जा गिरी। मृतकों में बस चालक भी शामिल है।
इधर राज्य सरकार ने हादसे की गंभीरता को देखते हुए मृतकों के परिजनों को आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है। जिला प्रभारी मंत्री राजपाल सिंह शेखावत ने प्रत्येक मृतक के परिजनों को दो लाख रुपए तथा प्रत्येक घायल को 50 हजार रुपए की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है।
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