राजसमंद/जयपुर। घर परिवार की शिक्षा दीक्षा, हुनर और संस्कार ही व्यक्तित्व विकास का मूल आधार है और समय के अनुरुप बदलाव और परिस्थितियों में सामन्जस्य बिठाकर चलना ही जीवन जीने के विकास की कला है। ये कहना है गोवा की राज्यपाल मृदुला सिन्हा का। वे सोमवार को राजसमन्द के भिक्षु निलयम में आयोजित पण्डित दीनदयाल उपाध्याय बालिका उत्थान शिविर के समापन समारोह में संबोधित कर रही थी। उन्होंने बालिकाओं और महिलाओं से कहा कि वे अपने बहुआयामी उत्थान और सामाजिक विकास के लिए सभी उपयोगी हुनरों में दक्षता प्राप्त करें और अपनी खास पहचान बनाते हुए समाज की सेवा में आगे आएं। राज्यपाल ने भारत माता, पं. दीनदयाल उपाध्याय और श्यामप्रसाद मुखर्जी की तस्वीर के सम्मुख दीप प्रज्वलन कर समारोह की शुरुआत की। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
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