उच्च शिक्षा मंत्री ने आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति को कारगर, निरापद एवं
सर्वसुलभ बताया और इसके व्यापक प्रचार-प्रसार की आवश्यकता पर बल दिया।
उन्होंने कहा कि इस पद्धति को जन-जन तक पहुंचाने के लिए नवाचारों और आधुनिक
माध्यमों का प्रयोग जरूरी है। कम खर्च वाली इलाज की इन पुरातन पद्धतियों
से संपूर्ण स्वास्थ्य पाया जा सकता है। माहेश्वरी ने सरकारी अधिकारियों एवं
कार्मिकों को कार्यक्षमता में अभिवृद्धि तथा तनाव, अवसाद एवं बोझिल
मनोवृत्ति पर अंकुश पाने के लिए योग-आयुर्वेद अपनाने को कहा, ताकि वे जनता
को प्रसन्नता के साथ अधिक से अधिक सेवाएं दे सकें। ये भी पढ़ें - यह है अनोखा कोर्ट, यहां नहीं मिलती तारीख पे तारीख
जन प्रतिनिधियों की योग-आयुर्वेद कार्यशाला हो
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