जयपुर/राजसमंद। गरीबों और जरूरतमंदों के इलाज तथा उनकी सेहत संवारने की दृष्टि से राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना राजसमंद जिले के मरीजों के लिए बेहद फायदेमंद और जीवनदायिनी सिद्ध हो रही है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
राजसमंद जिले की देवगढ़ तहसील के तेलीखेड़ा गांव निवासी 45 वर्षीया गीता देवी वैष्णव ऐसी मरीज हैं, जिन्हें भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना ने राहत दी है। उन्हें ‘एम्प्युटेशन एबोव नी’ की बीमारी थी।
गीता के पति शंकरदास वैष्णव खेती-बाड़ी का काम कर परिवार का गुजारा चलाते हैं। इस काम में उनकी पत्नी गीता देवी उनकी मदद करती रही है। शंकरदास बताते हैं कि उनकी पत्नी गीता को दो माह पूर्व अचानक घुटने में तेज दर्द उठा और पैरों में सूजन आ गई। असहनीय दर्द होने पर पड़ोसी उसे पास के अस्पताल में ले गए, जहां एक रात रुके पर आराम नहीं हुआ। उसके बाद गीता देवी को कांकरोली स्थित शर्मा हॉस्पिटल ले जाने पर डॉक्टर ने ऑपरेशन कर पैर काटने की बात कही। इस पर शंकरदास सोच में डूब गए। इस अवस्था में वे गीता को शर्मा हॉस्पिटल कांकरोली से गीतांजलि हॉस्पिटल उदयपुर लाए और वहां भर्ती करा दिया। यहां उन्हें बताया गया कि 2-4 दिन भर्ती रखना पड़ेगा।
इस अस्पताल मेंं भी दर्द में कोई सुधार नहीं होने पर वहां से अहमदाबाद ले गए और सिविल हॉस्पिटल में दिखाया। वहां बताया गया कि ऑपरेशन होकर पैर कटेगा और इसके लिए 2-4 दिन भर्ती रखना पड़ेगा, लेकिन शंकरदास ने अकेले होने के कारण वहां मना कर दिया और लौट कर शर्मा हॉस्पिटल उदयपुर लाकर गीता को भर्ती करा दिया। यहां भी उन्हें ऑपरेशन की बात ही कही गई। बात जब इलाज के पैसों की आई तो उन्हें बताया गया कि राजस्थान सरकार की भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना में यह सारा काम निशुल्क होगा और उन्हें कोई पैसा नहीं देना पड़ेगा।
शर्मा हॉस्पिटल के डॉ. सूर्यकांत पुरोहित ने गीता देवी के इलाज की सारी रिपोट्र्स देखकर कहा कि ऑपरेशन करके पैर काटना पड़ेगा। शंकरदास द्वारा अनुमति मिलने के दूसरे दिन गीता देवी का ऑपरेशन हुआ। ऑपरेशन के बाद उन्हें आराम मिल गया और दर्द से भी राहत मिली। अपनी पत्नी की सेहत से खुश शंकरदास वैष्णव कहते हैं कि भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना की बदौलत उनकी पत्नी गीता देवी को तकलीफ से राहत मिली है और सारा इलाज इस योजना में ही हो गया। उन्हें कुछ भी खर्च नहीं करना पड़ा। यह योजना न होती तो उनके लिए कर्ज और समस्याओं के पहाड़ ही खड़े हो जाते, जिन्हें जिन्दगी भर तक ढोते रहते। भला हो मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और उनकी सरकार का, जिन्होंने भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना चलाकर मरीजों को नई जिंदगी देने का बीड़ा उठा रखा है।
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