सुमेरपुर। सुमेरपुर उपखंड क्षेत्र में हाल ही में हुए एक सनसनीखेज़ हत्या के मामले का पुलिस ने सफलतापूर्वक खुलासा किया है। व्यापारी धनराज जैन की हत्या में शामिल नौकर सहित दो आरोपियों को सुमेरपुर पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।
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16 अगस्त 2024 की शाम को पुलिस को सूचना मिली कि सुमेरपुर कस्बे के हवाला गली में स्थित जैन मंदिर के पास धनराज जैन अपने मकान में मृत अवस्था में पाए गए। स्थानीय पुलिस तुरंत मौके पर पहुंची और घटनास्थल का मुआयना किया। आस-पास के लोगों से पूछताछ में पता चला कि धनराज जैन अकेले रहते थे और सुमेरपुर की कृषि मंडी में उनकी दुकान थी।
धनराज जैन के पुत्र प्रवीण कुमार और मुकेश कुमार, जो पुणे में रहते हैं, ने पिता की मौत पर संदेह व्यक्त करते हुए पुलिस में रिपोर्ट दर्ज करवाई। 20 अगस्त 2024 को प्राप्त पोस्टमार्टम रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि धनराज जैन के शरीर पर 12 गंभीर चोटें थीं, जिससे उनकी हत्या की पुष्टि हुई।
घटना की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने तुरंत एक विशेष टीम का गठन किया और मामले की गहन जांच शुरू की। जांच में यह सामने आया कि हत्या के दिन धनराज जैन ने अपनी जमीन बेची थी और बड़ी धनराशि प्राप्त की थी। अंतिम बार धनराज जैन को उनके नौकर जितेन्द्रसिंह के साथ देखा गया था, जिससे पुलिस का संदेह उस पर गहराता गया।
अनुसंधान के दौरान जितेन्द्रसिंह और उसके साथी राकेश की संलिप्तता उजागर हुई। 20 अगस्त को पुलिस ने सुमेरपुर और आबूरोड़ से दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में उन्होंने बड़ी धनराशि लूटने के इरादे से धनराज जैन की हत्या करना स्वीकार किया।
हत्या का कारण :
सेठ धनराज जैन, जो सुमेरपुर कस्बे में अकेले रहते थे, कृषि मण्डी में व्यापार और प्रॉपर्टी का काम करते थे। उनके नौकर जितेन्द्र, जो कि कोरटा गांव का निवासी था, उनके यहां करीब डेढ़ साल से काम कर रहा था। जितेन्द्र को सेठ धनराज जैन की पूरी दिनचर्या और आर्थिक गतिविधियों की जानकारी थी, विशेषकर यह कि घर में अक्सर बड़ी धनराशि आती थी। इस जानकारी का फायदा उठाते हुए, जितेन्द्र ने अपने मित्र राकेश, जो कि कोरटा का ही निवासी था, के साथ मिलकर धनराज जैन के घर लूट की योजना बनाई।
घटना का खुलासा :
16 अगस्त 2024 को, सेठ धनराज जैन ने अपनी एक जमीन बेची थी, जिससे उन्हें 1.38 करोड़ रुपये की बड़ी रकम प्राप्त हुई थी। हिस्सेदारों में बांटने के बाद, घर में 44 लाख रुपये शेष रह गए थे। जितेन्द्र को इस सौदे की पूरी जानकारी थी और उसने राकेश को सुमेरपुर बुला लिया था। शाम 6:30 बजे के बाद, जब सेठ धनराज घर में अकेले थे, तब जितेन्द्र और राकेश ने घर में घुसकर उन पर हमला कर दिया। 80 वर्षीय वृद्ध धनराज जैन इस अचानक हमले का सामना नहीं कर पाए और दोनों आरोपियों ने मिलकर चार्जर वायर से उनका गला घोंट दिया। हत्या के बाद, जितेन्द्र ने घर में रखे 44 लाख रुपये से भरा कट्टा राकेश को सौंप दिया, जिसे लेकर राकेश अपनी मोटरसाइकिल पर फरार हो गया। इसके बाद जितेन्द्र भी घटनास्थल से भाग गया।
आगे की कार्रवाई :
दोनों अभियुक्तों को गिरफ्तार कर लिया गया है, और अब पुलिस उनके पीसी रिमांड (पुलिस कस्टडी रिमांड) पर लेकर लूटी गई धनराशि की बरामदगी और आगे की जांच करेगी।
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