नागौर। नागौर जिला मुख्यालय पर आज पीएचडी विभाग के कर्मचारियों अधिकारियों ने विरोध प्रदर्शन किया और PHED के कार्यों को RWSSC को हस्तान्तरण नही करने की मांग का ज्ञापन मुख्यमंत्री के नाम भेजा । गोरतलब है कि बजट 2024-25 की घोषणानुसार PHED के कार्यों को RWSSC को हस्तान्तरित किया जाना प्रस्तावित्त है। ऐसे में पीएचइडी नागौर के कर्मचारियों अधिकारियों ने विभाग का निजीकरण करने का आरोप लगाते हुए विरोध जताया। कार्मिक को अंदेश है कि अगर बजट के मुताबिक पीएचडी विभाग के कार्य RWSSC को स्थानांतरित कर दिए गए तो एक सरकारी कर्मचारी होने के उनके सारे हक मारे जाएंगे और आने वाले वर्षों में वो एक निजी कर्मचारी बनकर रह जाएंगे।
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ज्ञापन में बताया गया है कि RWSSC प्रारम्भ से ही ऋण के बोझ तले दबा हुआ है. और ऋण लिये जाने पर ऋण के भुगतान हेतु नागरिकों से जल राजस्व वसूली करने के लिए जल शुल्क बढाया जायेगा जो कि आम जनता के लिए परेशानी भरा होगा। राज्य में वर्तमान में भी कई निगम यथा RSRDC, RTDC, RSC इत्यादि राज्य सरकार के अधिन कार्यरत हैं एवं उनकी वित्तीय स्थिति तथा कार्य प्रणाली व सेवाओं की स्थिति अत्यन्त दयनीय हैं। RWSSC की हालत शायद इन सभी निगमों से भी दयनीय होगी। ऐसे में कर्मचारियों का मासिक वेतन, पेंशन भुगतान भी समय पर होना असंभव हैं। जिससे कर्मचारियों एवं उनके परिवार की आजीविका पर सकट खड़ा होना है। पीएचडी कार्मिकों ने बजट हस्तानांतरण की घोषणा पर खुला विरोध जताया ।
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