जयपुर/नागौर। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री कालीचरण सराफ ने बुधवार को राज्य विधानसभा में कहा कि राजकीय चिकित्सालयों में शैयाएं बढ़ाने पर विचार उपयोगिता के आधार पर किया जाता है। यदि 100 प्रतिशत उपयोगिता होती है, तो शैयाएं बढ़ाने पर विचार किया जाता है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
सराफ सदन में प्रश्नकाल के दौरान विधायकों की ओर से इस संबंध में पूछे गए पूरक प्रश्नों का जवाब दे रहे थे। उन्होंने कहा कि जवाहरलाल नेहरू राजकीय चिकित्सालय नागौर में इनडोर मरीजों की संख्या वर्ष 2014 में 29 हजार 647, वर्ष 2015 में 27 हजार 455, वर्ष 2016 में 29 हजार 597 और वर्ष 2017 में 31 हजार 497 थी। उन्होंने कहा कि यहां उपयोगिता 58.8 प्रतिशत है और उपयोगिता बढ़ने पर शैयाएं बढ़ाने पर विचार किया जाएगा। उन्होंने सदन को आश्वस्त किया कि अगले 15 दिन में यहां चिकित्सकों की कमी को पूरा कर दिया जाएगा।
इससे पहले विधायक हबीबुर्रहमान अशरफी लाम्बा के मूल प्रश्न के जवाब में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री ने राजकीय जवाहरलाल नेहरू चिकित्सालय, नागौर में वर्ष 2014 से 2017 तक आउटडोर एवं इनडोर में पंजीकृत मरीजों का विवरण सदन के पटल पर रखा।
सराफ ने बताया कि जवाहरलाल नेहरू राजकीय चिकित्सालय नागौर में वर्तमान में 150 शैयाएं स्वीकृत हैं। स्वीकृत शैयाएं का वर्ष 2014 में 56.10, वर्ष 2015 में 51.71, वर्ष 2016 में 55.53 एवं वर्ष 2017 में 58.8 प्रतिशत उपयोगिता (बी.ओ.आर.) रही है। इसलिए जवाहरलाल नेहरू राजकीय चिकित्सालय नागौर की शैयाएं को बढ़ाना जाना वर्तमान में विचाराधीन नहीं है।
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