बहरोड़। राजस्थान के बहरोड़ क्षेत्र के पूर्व विधायक बलजीत यादव को एक बड़े भ्रष्टाचार मामले में घेर लिया गया है। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) ने उनके खिलाफ FIR दर्ज की है। इस मामले में बलजीत यादव के अलावा 8 अन्य अधिकारियों को भी आरोपी बनाया गया है। यह मामला सरकारी स्कूलों के बच्चों के लिए खरीदी गई खेल किट से जुड़ा है, जिसमें घोटाले और भ्रष्टाचार का आरोप लगाया गया है।
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इस घोटाले का संबंध सरकारी स्कूलों में बच्चों के लिए खेल किट की आपूर्ति से है। कांग्रेस नेता संजय यादव द्वारा ACB में की गई शिकायत के बाद यह मामला सुर्खियों में आया। शिकायत में आरोप लगाया गया था कि सरकारी स्कूलों के बच्चों के लिए खरीदी गई खेल किट की आपूर्ति में अनियमितताएं थीं, जिसमें कुछ आपूर्ति कंपनियों के साथ मिलकर खेल सामान की फर्जी खरीद की गई।
शिकायत के बाद, ACB ने 2023 में प्राथमिकी दर्ज की थी और जांच शुरू की। जांच के दौरान, ACB ने पाया कि जिन कंपनियों को खेल किट की आपूर्ति का ठेका दिया गया था, वे पूरी तरह से फर्जी और बोगस थीं। इस मामले में बहरोड़ के पूर्व विधायक बलजीत यादव और अन्य सरकारी अधिकारियों पर यह आरोप है कि उन्होंने मिलकर इस घोटाले को अंजाम दिया और सरकारी धन का दुरुपयोग किया।
कमेटी द्वारा की गई अनुशंसा
सरकारी स्कूलों के लिए खेल किट की खरीद के लिए एक विशेष कमेटी बनाई गई थी। यह कमेटी उन अधिकारियों और कर्मचारियों से मिलकर बनाई गई थी, जिनका इस खरीद प्रक्रिया से सीधा संबंध था। कमेटी ने अनुशंसा की थी कि सरकारी स्कूलों के बच्चों के लिए खेल किट खरीदी जाए। लेकिन इस प्रक्रिया में भ्रष्टाचार की मिलीभगत से कमेटी ने फर्जी कंपनियों से खेल किट खरीदने की अनुशंसा की थी।
इस कमेटी में शामिल अधिकारी थे : विकास अधिकारी राजेश पंवार, ओमप्रकाश निर्मल, संजय कुमार यादव, सहायक लेखा अधिकारी राजेश कुमार कंडेरा, मुकेश कुमार यादव, कैलाश चंद, सहायक अभियंता हर्षवर्धनी अवस्थी, PTI राजेंद्र कुमार यादव। यह कमेटी ने उन कंपनियों से खेल किट खरीदने की सिफारिश की थी, जो बाद में फर्जी पाई गईं।
ACB द्वारा मामले की जांच के बाद, यह साफ हो गया कि खेल किट की खरीद में भारी गड़बड़ी हुई थी। जांच में शामिल अधिकारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप तय किए गए हैं। विशेष रूप से, ACB ने बताया कि जिन कंपनियों को खेल किट की आपूर्ति का ठेका दिया गया, वे वास्तविक नहीं थीं और केवल कागजों पर मौजूद थीं। इससे राज्य के सरकारी खजाने को नुकसान हुआ।
ACB ने अब इस मामले में FIR दर्ज कर दी है और जांच प्रक्रिया को आगे बढ़ाया है। इन आरोपों की गंभीरता को देखते हुए, राज्य सरकार और ACB इस मामले में कड़ी कार्रवाई करने की योजना बना रहे हैं। कांग्रेस नेता संजय यादव ने भी इस मामले को गंभीर बताते हुए कहा कि जल्द ही वह इस पूरे घोटाले की विस्तार से जानकारी देंगे।
सामाजिक और राजनीतिक प्रभाव
इस मामले के उजागर होने के बाद, राज्य की राजनीति में हलचल मच गई है। बलजीत यादव, जो पूर्व विधायक हैं, और जिनका एक मजबूत राजनीतिक नेटवर्क रहा है, इस मामले में फंसे हैं, जिससे राजनीतिक रूप से भी इस घोटाले को लेकर कई सवाल उठने लगे हैं। विपक्षी दल इसे राज्य सरकार के भ्रष्टाचार पर एक बड़ा सवाल मानते हुए इसकी जांच की मांग कर रहे हैं।
इस घोटाले के सामने आने से शिक्षा और खेल किट की खरीद प्रक्रिया में पारदर्शिता की कमी का भी मुद्दा उठ रहा है, और सरकार पर दबाव बढ़ रहा है कि वह इस मामले में सख्त कार्रवाई करें।
खेल किट घोटाला केवल एक वित्तीय धोखाधड़ी नहीं है, बल्कि यह राज्य की शिक्षा व्यवस्था और सरकारी खरीद प्रक्रिया पर भी सवाल उठाता है। ACB की जांच अब इस मामले में एक अहम मोड़ पर है, और यह देखा जाना बाकी है कि इस घोटाले में शामिल सभी आरोपी अधिकारियों और नेताओं के खिलाफ कितनी सख्त कार्रवाई की जाती है।
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