कोटा। राज्यपाल कल्याण सिंह कोटा प्रवास के दौरान मंगलवार को सर्किट हाउस में कोटा विश्वविद्यालय द्वारा गोद लिये गये ग्राम डूंगरज्या एवं फतेहपुर के ग्रामीणों से रूबरू हुये। गांवों में हुये विकास एवं सकारात्मक परिवर्तन की जानकारी लेकर उन्होंने ग्रामीणों को सतत विकास के लिए गांवों को नशामुक्त, वादमुक्त बनाकर बालिका शिक्षा व जैविक खेती बढावा देने तथा ग्रामीण पर्यटन विकास के लिए मिलकर कार्य करने को कहा। उन्होंने कहा कि आपसी भाईचारा एवं मेल-मिलाप के साथ विकास में सभी सहयोगी बने एवं स्मार्ट विलेज के प्रयासों को आगे बढायें।
राज्यपाल ने कहा कि गांवों को स्मार्ट बनाने के लिए की गई पहल के सकारात्मक परिणाम अन्य गांवों को भी प्रेरित करेंगे। गांवों में जो बदलाव आया है उससे आने वाले पीढियों को लाभ मिलेगा। उन्होंने जिला प्रशासन एवं विश्वविद्यालय द्वारा कराये गये विकास कार्यो की प्रंशसा करते हुए कहा कि शिक्षा को आधार मानकर ग्रामीणजन सभी बच्चों को विद्यालय अवश्य भेजें।
जिला कलक्टर रोहित गुप्ता ने जिला प्रशासन द्वारा कराये गये विकास कार्यो की जानकारी देते हुए कहा कि डूंगरज्या में सभी विभागों द्वारा विकास कार्यो पर 7 करोड़ रू. व्यय किये गये है। कमल सरोवर का विकास, ग्रामीण गौरव पथ, गांव को खुले में शौचमुक्त किया गया है। उन्होंने गांवों में मनरेगा से भी अन्य विकास कार्य कराये जाने की जानकारी दी।
कोटा विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. पीके दशोरा ने डूंगरज्या में सामाजिक जागृति एवं कुरीतियों को मिटाने के लिए किये गये कार्यो, कम्प्यूटर साक्षरता, कृषि में नवाचारों, पर्यावरण संरक्षण एवं चिकित्सा शिविर आयोजन द्वारा किये गये परिवर्तन की विस्तृत जानकारी दी। सीइओ जिला परिषद आरडी मीणा ने ग्रामीण विकास के बारे में बताया। इस अवसर पर राज्यपाल के ओएसडी अजय शंकर, ग्रामीण पुलिस अधीक्षक डॉ. राजीव पचार, प्रशासनिक अधिकारी सहित बडी संख्या ग्रामीणजन उपस्थित रहे।
यह हुआ परिवर्तन
ग्राम पंचायत सरपंच मनीषा मीणा, पूर्व सरपंच रामप्रसाद नागर ने विश्वविद्यालय द्वारा गोद लेने के बाद आये परिवर्तन पर राजभवन एवं जिला प्रशासन के प्रयासों की प्रशंसा की। उन्होंने बताया ग्राम पंचायत में अब सामाजिक कुरीतियों के प्रति जागृति आई है। बालिकाओं को विद्यालय भेजा जा रहा है, महिलाऐ सिलाई, बुनाई, कडाई सीख रही हैं। कम्प्युटर के प्रति भी जागृति आई है। उन्होंने विकास के लिए सभी का आभार जताया।
ये आये सुझाव-
ग्रामीणों द्वारा राज्यपाल को डूंगरज्या स्थित संस्कृत विद्यालय में विज्ञान विषय के अध्यापक की नियुक्ति करवाने। उप स्वास्थ्य केन्द्र पर स्टॉफ बढवाने एवं ग्रामीण पर्यटन के विकास हेतु कार्य करवाने का सुझाव दिया। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
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