कोटा। राजस्व मंडल अध्यक्ष वी श्रीनिवास ने कहा कि राजस्व अधिकारी नियमित रूप से न्यायालय में बैठकर राजस्व मामलों का समयबद्ध निस्तारण कर आमजन के लिए सुगम एवं सुलभ न्याय की अवधारणा के अनुरूप कार्य करें। उन्होंने राजस्व फैसलों को पोर्टल पर ऑनलाइन करने एवं लक्ष्यों के अनुसार कार्यालय निरीक्षण, भ्रमण व रात्रि विश्राम के साथ आमजन की समस्याओं का निस्तारण करने के निर्देश दिये।
ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
राजस्व मंडल अध्यक्ष शनिवार को कलक्ट्रेट स्थित टैगोर सभागार में जिले के राजस्व अधिकारियों की बैठक की अध्यक्षता करते हुए उपखण्डवार राजस्व प्रकरणों की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि राजस्व अधिकारी अपने मूल कार्य को प्राथमिकता से सम्पन्न करें ताकि आम लोगों को राजस्व प्रकरणों के लिए चक्कर नहीं लगाने पडे़।
उन्होंने कहा कि लम्बित राजस्व वादों के निस्तारण हेतु समन्यवय कर अभियान चलाये एवं वर्ष वार मामलों को चिन्हित कर पुराने मामलों में बार का सहयोग लेकर लोक अदालत की भावना अनुसार प्रकरणों का आपसी सहमति से निस्तारण करायें। राजस्व अधिकारी नियमित रूप से अपने लक्ष्यों को भी समय पर पूरे करने हेतु महिने वार तय कर कार्यालय निरीक्षण, रात्रि विश्राम, ग्राम चौपाल में समस्या सुनने, राजस्व वसूली को भी प्राथमिकता दें। उन्होंने कहा कि तहसीलदार एवं पंजीयक नामान्तकरण तस्दीक करने में अनावष्यक समय से बचें, विभाजन के मामलों में नियमों का पालन करते हुए निस्तारण करें।
राजस्व मंडल अध्यक्ष ने उपखण्ड अधिकारी एवं तहसीलदार को राजस्व की मुख्य धुरी बताते हुए कहा कि वे अपने अधिकारों एवं कर्तव्यों को जानने के लिए नियमित अध्ययन की प्रवृति बनाये तथा आमजन को सस्ता एवं सुलभ न्याय प्रदान करें। राजस्व मामलों के निस्तारण में नियमों की पालना करें जिससे अपील में नही जाना पडे़।
उपखण्डवार समीक्षा के दौराने उन्होंने कहा कि गैर खातेदारी से खातेदारी अधिकार दिये जाने के प्रकरण लम्बित होने से काष्तकारों को समस्या रहती है। आपसी बटवारें के प्रकरण लम्बित होने से ऋण प्राप्त करने में समस्या रहती है इन्हे भी समय पर निस्तरित करें। उन्होंने नहरी क्षेत्र में राजस्व मामलो के निस्तारण हेतु सीएडी प्रषासन से समन्यवय कर मैकेनिज्म तैयार करें जिससे प्रकरणों के निस्तारण को गति मिल सके। शहरी क्षेत्र में आने वाले वादों के मामले निस्तारण में नगर विकास न्यास एवं नगर निगम के समन्यवय से बनाये रखकर निरन्तर मॉनिटरिंग करने के निर्देश दिये।
जिला कलक्टर रोहित गुप्ता ने उपखण्डवार राजस्व उपलब्धी एवं राजस्व मामलों के निस्तारण की जानकारी देते हुए कहा कि राजस्व न्यायालयों में लम्बित प्रकरणों को न्याय आपके द्वार अभियान में ग्राम पंचायत स्तर पर निस्तारित किया है। जिसमें पुराने प्रकरणों के निस्तारण में जिले का प्रथम स्थान रहा है। उन्होंने बताया कि राजस्व न्यायालयों में वर्तमान में जिले में 13640 वाद दर्ज है। जिनका निस्तारण पीठासीन अधिकारियों द्वारा किया जा रहा है।
कांग्रेस और उसके साथी आदिवासियों को कभी ऊंचाई पर नहीं देख सकते : पीएम मोदी
ईमानदारी से चुनाव होने पर महाराष्ट्र में कांग्रेस गठबंधन की बनेगी सरकार : राशिद अल्वी
दिल्ली में कानून व्यवस्था का बुरा हाल : अरविंद केजरीवाल
Daily Horoscope