कोटा। कोटा शहर में एसडीपी और ब्लड डोनेशन के क्षेत्र में सेवा का कार्य निरंतर जारी है। ऐसे में हर वर्ग के लोगों में मानवता का भाव व यादें सुबह से लेकर देर रात तक देखने को मिल रहा है और वह सहायता के लिए तत्पर रहते हैं। इन्हीं सेवाभावी लोगों के कारण जरूरतमंदों को एसडीपी व ब्लड मिल पा रहा है। टीम जीवनदाता के संयोजक व लायंस क्लब के रीजन चेयरमैन भुवनेश गुप्ता ने बताया कि एक जरूरतमंद को अलसुबह 5 बजे एसडीपी की आवश्यकता थी। वह लगातार फोन कर रहे थे। सुबह 6 बजे उठकर देखा तो कई मिस कॉल थे। कॉल लगाया तो पता चला कि बी पॉजिटिव एसडीपी की बेहद आवश्यकता है। अस्पताल में भर्ती महिला नंदू बाई को डिलीवरी होनी थी, लेकिन उसका हीमोग्लोबिन मात्र 8 और प्लेटलेट्स 8 हजार रह गई थी। वह रात से ही परेशान हो रहे थे। वह सुबह 4 बजे ही ब्लड बैंक पहुंच गए उसके बाद एसडीपी के लिए प्रयास किया, लेकिन अर्ली मॉर्निंग डोनेशन संभव नहीं था। ऐसे में सभी को मैसेज वायरल किया, वही फोन कर हमेशा तत्पर रहने वाले अंकित पोरवाल को फोन किया तो वह क्लास लेने जा रहे थे लेकिन उन्होंने स्टूडेंट की क्लास लेने से पूर्व मानवता की क्लास में जाना बेहतर समझा और जरूरतमंद को एसडीपी उपलब्ध कराई। इस दौरान उन्होंने छोटे-छोटे टुकड़ों में मरीज के परिजन की परेशानी कहां से शुरू होती है और कैसे पूरी होती है, इसकी शॉर्ट रील बनाई, ताकि लोगों को ब्लड डोनेशन और रक्तदान के लिए समझाया जा सके और मोटिवेट किया जा सके। ये रील उन्होंने सभी स्टूडेंट को भेजी और कहा कि जब भी आवश्यकता हो, जरूरतमंद की मदद को तत्पर रहें। अंकित का मानना था कि मानवता का ये अध्याय पढ़कर विद्यार्थियो में मदद के प्रति जोश और उत्साह बना। सभी स्टूडेंट्स ने भी संकल्प लिया कि हर कार्य से पहले मदद का कोई अवसर आए तो सदैव उसको प्राथमिकता देनी चाहिए। अनजान की जिंदगी बचाने का आनंद रक्तदान करके स्वतः ही प्राप्त किया जा सकता है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
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