कोटा।
गेपरनाथ घाटी में कूदकर खुदकुशी करने वाले प्रेमी युगल जीते जी तो साथ साथ
रहने की इच्छा पूरी नहीं हो सकी लेकिन मरने के बाद भी वह साथ जलाने की
आखिरी इच्छा पूरी नहीं पाई। शनिवार को पोस्टमार्टम के बाद दोनों
के शवों का परिजनों ने अलग-अलग अंतिम संस्कार किया। जयपुर
के महेश नगर निवासी विनोद कुमार और टोंक हाल बोरखेड़ा के प्रताप नगर
निवासी सत्यभामा ने शुक्रवार को गेपरनाथ की करीब तीन सौ फीट ऊंची पहाड़ी से
कूदकर आत्महत्या कर ली थी। गिरने से दोनों के शव पूरी तरह से क्षत-विक्षत
हो गए थे। सूचना पर आरकेपुरम पुलिस ने तुरंत मौके पर पहुंचकर करीब दो घंटे
की मशक्कत के बाद शवों को बाहर निकाला था। उन्हें
एमबीएस अस्पताल की मोर्चरी में रखवाया था। थानाधिकारी शौकत खान ने बताया
कि दोनों पक्षों में से किसी ने भी एक दूसरे के खिलाफ कोई रिपोर्ट नहीं दी
है। दोनों के परिजनों के आने पर शनिवार को उनका पोस्टमार्टम कराया गया। विनोद
के पिता प्रभुलाल समेत अन्य परिजन शव को लेकर जयपुर चले गए, जबकि सत्यभामा
के पिता प्रेमशंकर व परिजनों ने उसका अंतिम संस्कार बोरखेड़ा क्षेत्र में
ही किया। गौरतलब है कि विनोद शुक्रवार सुबह ही जयपुर से कोटा आया था। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
उसने
कोटड़ी क्षेत्र से टैक्सी की और शुभम गार्डन बोरखेड़ा के पास सत्यभामा के
घर पहुंचा। यहां सड़क पर ही उसने सत्यभामा के परिजनों को सामान दिया। इसके
बाद सत्यभामा को गेपरनाथ जाने की जानकारी दी थी और कहा कि एक घंटे में
लौटेंगे। घर आकर ही खाना खाएंगे। इसके बाद टैक्सी लेकर गेपरनाथ पहुंचे थे।सुसाइड नोट में लिखा
सत्यभामा
ने सुसाइट नोट में नौ मई की तारीख लिखी है। इसमें लिखा है कि विनोद ने
मेरे इलाज के लिए मेहनत कर मुझे ठीक किया है। मेरी मौत के लिए कोई
जिम्मेदार नहीं है। मैं जिंदा रही तो मेरी शादी विनोद से कर देना। एेसा
नहीं हुआ तो मेरी अंतिम इच्छा के मुताबिक मुझे सोलह शृंगार कर विनोद के साथ
अंतिम संस्कार कर देना। पिता से कहा है कि गांव के घर में रामायण व शक्ति
पाठ कराना और बहिन की शादी करना।
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