कोटा। मौसमी बीमारियों की रोकथाम एवं जनजागरूकता के लिए शनिवार को आईएमए हॉल में एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। इसमें जिले के प्रशासनिक अधिकारी, चिकित्साधिकारी एवं सामाजिक व स्वयंसेवी संस्थाओं के प्रतिनिधि शामिल हुए। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
जिला कलेक्टर रोहित गुप्ता ने कहा कि मौसमी बीमारियों की रोकथाम के लिए उपचार की व्यवस्थाओं के साथ आमजन की सक्रियता से बचाव के उपाय करना भी आवश्यक हैं। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन द्वारा शहर को 12 क्षेत्रों में विभाजित कर मौसमी बीमारियों से बचाव के लिए किए जा रहे कार्यों की निगरानी के लिए प्रशासनिक अधिकारियों को जिम्मेदारी तय की गई है। इसमें सामाजिक संगठन भी सक्रियता भागीदारी निभाएं। उन्होंने बताया कि डेंगू की जांच के लिए जिला प्रशासन ने निजी लैब संचालकों की सहमति से 450 रु. की दरें निर्धारित की थीं। इसका पालन नहीं करने वाले के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी। कार्यशाला में आए सुझाव पर उन्होंने निजी अस्पतालों को भी डेंगू व मौसमी बीमारियों की दरें निर्धारित करने एवं रक्त जांच की दरें नहीं बढ़ाने के लिए प्रेरित करने की बात कही। उन्होंने कहा कि घरों में पानी जमा नहीं हो, कूलर, गमलों एवं दैनिक कार्यों में उपयोग लेने वाले स्थानों की नियमित सफाई हो, इसके लिए जागरूकता आवश्यक है।
आयुक्त नगर निगम डॉ. विक्रम जिंदल ने कहा कि डेंगू का मच्छर घरों में जमा स्वच्छ पानी में ही पनपता है। जागरूकता की शुरुआत घरों से करनी होगी। उन्होंने सफाई में नगर निगम द्वारा किए जा रहे कार्यों की जानकारी देते हुए कहा कि डेंगू एवं मौसमी बीमारियों की रोकथाम में प्रत्येक परिवार के स्तर से पहल करनी होगी, तभी जाकर लार्वा को बढ़ने से रोक पाएंगे। कूलर एवं पानी की टंकियों की साफ-सफाई के लिए आमजन को जागरूक करना होगा।
राजस्थान के जोधपुर में टैंकर-पिकअप की भिड़ंत में एक ही परिवार के 5 लोगों की मौत
वकील ने कहा-हथकड़ी में अदालत नहीं जाएंगे ट्रंप...कैसे चलेगा मुकदमा यहां पढ़िए
ईडी ने डीए मामले में 1.10 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की
Daily Horoscope