कोटा। उच्च शिक्षा मंत्री किरण माहेश्वरी ने शुक्रवार को विधानसभा में कहा कि कोटा विश्वविद्यालय में नियुक्तियों में अनियमितताओं की जांच एसीबी स्तर पर जारी है। जांच में दोषी पाए गए व्यक्तियों के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने विश्वविद्यालय में नियुक्त डिप्टी रजिस्ट्रार तथा परीक्षा नियंत्रक को जांच चलने तक निलंबित करने या हटाने के लिए कुलाधिपति को अनुरोध करने का भी आश्वासन दिया। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
माहेश्वरी ने शून्यकाल में इस संबंध में उठाए गए मुद्दे पर हस्तक्षेप करते हुए बताया कि कोटा विश्वविद्यालय में 2012 से 2014 के बीच हुई शैक्षणिक एवं अशैक्षणिक कर्मचारियों की नियुक्तियों में अनियमितताओं की जानकारी सामने आने पर राज्य सरकार ने समिति गठित कर जांच करवाई। समिति द्वारा प्रस्तुत की गई रिपोर्ट की प्रति विश्वविद्यालय को भेज कर तथ्यात्मक स्थिति मांगी गई थी, जो विश्वविद्यालय ने राज्य सरकार को 23 जनवरी 2017 को भेज दी थी।
उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय द्वारा भेजी गए तथ्यात्मक टिप्पणी तथा जांच समिति की रिपोर्ट के परीक्षण के लिए राज्य सरकार ने विभागीय परीक्षण समिति का गठन किया। उन्होंने कहा कि रिपोर्ट के अनुसार विश्वविद्यालय द्वारा जारी विज्ञापन में आरक्षण के पदों को स्पष्ट रूप से अंकित नहीं किया गया। विज्ञापन जारी करते समय यह स्पष्ट उल्लेख नहीं किया गया कि कितने पद किस वर्ग के लिए आरक्षित हैं एवं रोस्टर रजिस्टर के आधार पर पदों के आरक्षण की स्थिति का निर्धारण करते हुए तदनुसार आरक्षण भी विश्वविद्यालय द्वारा नहीं किया गया।
उच्च शिक्षा मंत्री ने बताया कि विश्वविद्यालयों के शैक्षणिक स्टाफ के चयन के लिए अधिनियम, 1974 के सेक्शन 10 में आरक्षण के प्रावधान का वर्णन किया गया है, जो विश्वविद्यालय के स्पष्टीकरण में उल्लेखित नहीं है। इसके अतिरिक्त वरीयता सूची में मेरिट का आधार भी अंकित नहीं था।
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