कोटा। असत्य पर सत्य की विजय के प्रतीक दशहरे के दिन अहंकारी रावण का पूरा कुनबा महज 7 मिनट में ही खाक हो गया। रावण और कुम्भकरण के पुतले 3-3 मिनट में और मेघनाद का पुतला मात्र 1 मिनट में जलकर खाक हो गया। इसे देखने वालों की भीड़ दूर तक देखते ही बनती थी। हालांकि निर्धारित समय से एक घंटा देरी से रावण का दहन हुआ। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
कोटा नगर निगम की ओर से आयोजित 124वें राष्ट्रीय दशहरे मेले में विजयश्री रंगमंच के सामने तीनों पुतले खड़े किए गए थे। इनमें रावण का पुतला 72 फीट का, मेघनाद और कुम्भकरण के पुतले 45-45 फीट के थे। गढ़ पैलेस से ढोल नगाड़ों और राजसी वैभव के साथ निकली भगवान लक्ष्मी नारायणजी की सवारी के रंगमंच पर पहुंचने के बाद पूजा अर्चना शुरू की गई। इसके बाद रावण के कुनबे का दहन किया गया। इस दौरान भगवान लक्ष्मीनारायण की सवारी में कई झांकियां भी सजाई गईं। वहीं इस मौके पर सांसद ओम बिरला, कोटा जिले के जनप्रतिनिधि, महापौर महेश विजय सहित निगम के अधिकारी और पार्षद सहित शहरवासियों की भीड मौजूद रही। हर कोई रावण के कुनबे के दहन को अपने कैमरों में कैद करता नजर आया।
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