-सरकारी हो या निजी मरीजों को नहीं मिल रहा कहीं भी उपचार ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
कोटा। राइट टू हेल्थ के विरोध में धरने पर बैठे शहर के निजी अस्पतालों के चिकित्सको की लगातार अनिश्चितकालीन हड़ताल जारी है। आज विज्ञान नगर ओवर ब्रिज के नीचे हडताल के दौरान चिकित्सको ने सरकार पर कुटाराघात का आरोप लगाया। साथ ही कहा कि इस योजना को सही भी मान ले तो चुनाव से कुछ समय पहले ही इसको पारित करने की क्या जरूरत थी। दो या तीन साल पहले भी इस बिल को पारित किया जा सकता था। चिकित्सको का कहना है कि चुनाव को देखते हुए इस बिल को पारित किया गया ताकि अन्य पार्टीयां इसका विरोध नहीं कर सके। देर रात को सुंदरकांड के दौरान भी सरकार के इशारे पर पुलिसकर्मीयों ने हम लोगो को जबरन यहां से हटाने का प्रयास किया। ऐसे में एक महिला चिकित्सक को इलाज कराने के बहाने पुलिस अपने साथ ले गई। वहीं निजी अस्पताल के चिकित्सको द्वारा हडताल पर रहने से निजी अस्पतालो में मरीजो की संख्या भी कम हो गई है। इसके साथ ही सरकारी अस्पतालोें के रेजिडेंट भी इन चिकित्सको के समर्थन में आ गए है। ऐसे में मरीजो को शहर के किसी भी अस्पताल में इलाज नहीं मिल पा रहा है।
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