रचना का परिवार मूलतया बिहार निवासी है। दरभंगा जिले के कलसी गांव में
पुश्तैनी मकान है, लेकिन रचना दसवीं के बाद वहां नहीं गई। क्योंकि परिवार
के कही कुछ सदस्य उसकी शारीरिक अपंगता को लेकर ताना मारते थे। इसी से खिन्न
होकर रचना ने गांव जाना छोड़ दिया। अब कुछ बनकर दिखाना चाहती है और उसके
बाद ही गांव जाने की सोच रखती है। ये भी पढ़ें - आमजन से दूर है दुनिया का तीसरा बड़ा खजाना
काउंसलिंग में शामिल नहीं हुई
परिस्थितियां
विपरित होने के कारण गत वर्ष जेईई-मेन के स्कोर के आधार पर होने वाली
काउंसलिंग में रचना शामिल नहीं हुई। रचना ने बताया कि 12वीं के साथ परीक्षा
दी थी। कॉलेज मिल जाते, लेकिन 20 हजार रुपए एडवांस जमा करवाने थे, इसके
लिए फीस जमा करवानी थी, फीस का इंतजाम नहीं हुआ तो काउंसलिंग में जाना उचित
नहीं समझा। कोटा आने का मन बनाया। इस वर्ष जेईई-मेन में पीडब्ल्यूडी वर्ग
में 2072 रैंक मिली और अब एडवांस की तैयारी कर रही है।
परिवार चला रही मां
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